Fact Check: क्या भारतीय रेलवे अब कहलाएगा अडानी रेलवे, जानिए वायरल मैसेज की सच्चाई
Fact Check: क्या भारतीय रेलवे अब कहलाएगा अडानी रेलवे, जानिए वायरल मैसेज की सच्चाई
नई दिल्ली। एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि रेलवे का अब पूरी तरह निजीकरण किया जाएगा। अडानी लिखे कुछ रेल के डिब्बे भी इस वीडियो में दिखाए गए हैं। जिनके आधार पर कहा जा रहा है कि सरकार अब पूरी तरह से रेलवे को प्राइवेट करने जा रही है। जिसे अडानी ग्रुप खरीदेगा और नाम भी बदलकर अडानी रेलवे कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि ये मैसेज फेक है और इस तरह का कोई ऐलान सरकार या अडाणी समूह की ओर से नहीं हुआ है।
दरअसल 15 प्राइवेट कंपनी जिसमें अडानी ग्रुप भी शामिल है, कंटेनर ट्रेन ऑपरेट करती हैं। 2007 से प्राइवेट कंपनियां ये ट्रेन चला रही हैं। इन्हीं कंटेनर ट्रेन की क्लिप लेकर ये वीडियो बनाया गया और इंडियन रेलवे का नाम अडानी रेलवे हो जाने का दावा सोशल मीडिया पर कर दिया गया। फैक्ट की जांच की गई तो पाया गया कि दावा ठीक नहीं है।
सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में ये भी दावा किया जा रहा है कि रेलवे की सात फैक्ट्रियों को बेचने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले 3.5 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा और इन कर्मचारियों की जगह कॉन्ट्रेक्ट लेबर्स को नौकरी पर रखा जाएगा। केंद्र सरकार की एजेंसी पीआईबी फैक्ट चेक ने इस दावे को फेक बताया है।
हाल ही में खबर आई थी कि यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही के लिहाज से 109 से अधिक मार्गों पर परिचालन के लिए निजी निवेश के वास्ते पात्रता अनुरोध आमंत्रित किए गए हैं। सवारी रेलगाड़ियों के संचालन में निजी कंपनियों की भागदारी की परियोजना में निजी क्षेत्र की ओर से करीब 30,000 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। इनकी वजह से रेलवे के निजीकरण की खबरें लगातार आ रही हैं तो रेलवे के 5 फीसदी हिस्से के निजीकरण को मंजूरी भी मिली है। ऐसे में कई तरह के फर्जी मैसेज भी चल रहे हैं।
Fact Check
दावा
रेलवे के पूरी तरह निजीकरण का किया जा रहा दावा
नतीजा
इंडिया रेलवे के निजीकरण का मैसेज गलत