Fact Check: क्या पृथ्वी से टकराने से बचा स्टेरॉयड, जानें वायरल पोस्ट की सच्चाई
नई दिल्ली, 26 दिसंबर: पिछले दो-तीन महीनों में कई स्टेरॉयड पृथ्वी के करीब से गुजरे हैं। हालांकि उससे इंसानों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन सोशल मीडिया पर इन घटनाओं लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। अब फेसबुक पर एक फोटो वायरल हो रही, जिसमें आसमान में एक हरे रंग की रोशनी नजर आ रही। बताया जा रहा कि एक स्टेरॉयड हाल ही में पृथ्वी के इतने करीब था कि अगर जरा सा भी इधर-उधर होता तो काफी नुकसान हो सकता था। लोग भी बिना सच्चाई जाने इसे तेजी से शेयर कर रहे हैं।
वायरल हो रही फोटो पहाड़ों से ली गई है। जिसमें चारों ओर शहर की लाइटें नजर आ रहीं, जबकि आसमान में एक हर रंगे की रोशनी दिख रही। आमतौर पर ऐसी घटना को हम तारे टूटना कहते हैं। फोटो पोस्ट करने वाले ने लिखा कि ये एक स्टेरॉयड है, जो पृथ्वी से टकराने से बचा। ये घटना भारत की है। इसके बाद तेजी से लोगों ने इसको शेयर किया। साथ ही बड़ी घटना के टलने पर भगवान का शुक्र मनाया। बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो बता रहे कि भविष्य में दोबारा ऐसी घटना हो सकती है।
वहीं जब हमने इस वायरल फोटो की जांच की तो सच्चाई कुछ और निकली। इस साल 29 नवंबर से 17 दिसंबर के बीच तीन स्टेरॉयड पृथ्वी के पास से गुजरे थे, लेकिन कोई ऐसा नहीं था जो नग्न आंखों से देखा जा सके। इसके बाद जब फोटो की पड़ताल की गई, तो पता चला कि ये 6 साल पुरानी 2015 की है। उस वक्त फोटोग्राफर प्रसेनजीत यादव ने इसे पश्चिमी घाट से लिया था। बाद में ये फोटो नेशनल ज्योग्राफिक की वेबसाइट पर भी पब्लिश हुई। जिस पर कैप्शन लिखा था कि भारत के पश्चिमी घाट के पहाड़ों के ऊपर एक दुर्लभ हरा उल्का दिखाई दिया। इसमें भी फोटोग्राफर का नाम प्रसेनजीत यादव लिखा था।
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किस्मत
से
कैद
हुई
फोटो
फोटोग्राफर
के
मुताबिक
9
अक्टूबर
2015
को
उन्होंने
पश्चिमी
घाट
के
पहाड़ों
पर
अपना
कैमरा
सेट
किया।
उनके
कैमरे
में
ऑटोमैटिक
सेटिंग
थी,
जो
फोटो
ले
रही
थी।
उसी
दिन
सुबह
के
वक्त
ये
रोशनी
दिखी
और
कैमरे
ने
उसे
कैद
कर
लिया।
बाद
में
उन्होंने
इसे
इंस्टाग्राम
पर
भी
पोस्ट
किया
था।
Fact Check
दावा
पृथ्वी से टकराने से बचा स्टेरॉयड
नतीजा
फोटो 6 साल पुरानी, दावा गलत