सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में दावा- सरकार ने अडाणी को बेचा Railway, जानिए सच्चाई
नई दिल्ली। Indian Railway Fake News: सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जो किसी प्लैटफॉर्म के टिकट की है। इसके ऊपर लिखा है, 'अडानी रेलवे... रेलवे अब हमारी निजी संपत्ति है'। पुणे रेलवे स्टेशन के इस टिकट पर अन्य जानकारी भी है, जैसे तारीख, समय, टिकट का नंबर और उसकी 50 रुपये कीमत। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को शेयर कर एक यूजर ने सरकार की आलोचना की है, कि सरकार ने रेलवे अडाणी को बेच दिया है। जब इस तस्वीर की पड़ताल की गई तो अगस्त महीने में भी कई लोगों ने तस्वीर को शेयर कर टिकट की कीमत 5 रुपये से 50 रुपये करने को लेकर सरकार की आलोचना की थी।
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हालांकि रेलवे ने उस समय साफ कहा था कि भीड़ को कम करने के उद्देश्य से टिकट की कीमत बढ़ाई गई है, ताकि कोरोना वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टैंसिंग का पालन किया जा सके। इसके साथ ही रेलवे ने कहा था कि महामारी के खत्म होने के बाद टिकट की कीमत दोबारा पहले जैसी कर दी जाएगी। ऐसा पहली बार नहीं है कि जब उद्योगपति गौतम अडाणी को भारतीय रेलवे के निजीकरण संबंधित पोस्ट में घसीटा गया हो।
सितंबर महीने में भी ऐसा ही एक दावा किया गया था, जिसमें एक वीडियो शेयर किया जा रहा था। जिसपर अडाणी लिखा था। बाद में ये दावा भी फर्जी निकला। कुछ दिन पहले एक वीडियो में ट्रेन पर अडाणी विलमार और फॉर्चून के विज्ञापन दिख रहे थे। इसके साथ भी यही दावा किया जा रहा था कि भारत सरकार ने अडाणी को रेलवे बेच दिया है। ये दावा भी फिर फर्जी ही निकला। वहीं इस टिकट की तस्वीर को लेकर जब पड़ताल की गई तो पता चला कि तस्वीर को एडिट किया गया है, असली तस्वीर में टिकट पर अडाणी नहीं लिखा है।
पुणे जंक्शन द्वारा प्लेटफार्म टिकट का मूल्य ₹50 रखने का उद्देश्य अनावश्यक रूप से स्टेशन पर आने वालों पर रोक लगाना है जिस से सोशल डिसटेनसिंग का पालन किया जा सके।
रेलवे प्लेटफार्म टिकट की दरों को कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों से ही इसी प्रकार नियंत्रित करता आया है। https://t.co/X2HuPC5HUg
— Spokesperson Railways (@SpokespersonIR) August 17, 2020
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Fact Check
दावा
पुणे प्लैटफॉर्म के टिकट पर 'अडानी रेलवे' लिखा होने का दावा।
नतीजा
ये तस्वीर एडिट की गई है और असली तस्वीर में अडानी रेलवे नहीं लिखा है।
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