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COVID-19 के खिलाफ 18 देशों के टास्क फोर्स का नेतृत्व नहीं कर रहे PM मोदी, झूठा निकला दावा

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नई दिल्ली। देश में जिस तरह कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं उसी प्रकार सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी अफवाहों ने भी रफ्तार पकड़ ली है। इन दिनों ट्विटर पर दावा किया जा रहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन सहित 18 राष्ट्र चाहते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक टास्क फोर्स का नेतृत्व करें। वायरल हो रहे ट्वीट में यह भी कहा गया है कि यह भारत के लिए गर्व का क्षण है। ट्वीट के साथ एक वीडियो भी पोस्ट किया गया है जो एक विदेशी न्यूज चैनल का है।

इसलिए वायरल हो रहे ट्वीट में नहीं है सच्चाई

इसलिए वायरल हो रहे ट्वीट में नहीं है सच्चाई

बता दें कि वैश्विक महामारी COVID-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री मोदी कई बार पहल कर चुके हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर किया जा रहा यह दावा कि उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की सेना का नेतृत्व करने के लिए कहा गया है, यह बात पूरी तरह सच नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट narendramodi.in पर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को लेकर एक रिपोर्ट है जिसका शीर्षक PM है। इस रिपोर्ट में उन विभिन्न सरकारी पहलों के बारे में बताया गया है जो सरकार ने महामारी लड़ने के लिए किए हैं। इसमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है जो ट्विटर पर किया गया है।

सरकारी रिपोर्ट में नहीं है कोई जिक्र

सरकारी रिपोर्ट में नहीं है कोई जिक्र

इस सरकारी रिपोर्ट में जी -20 शिखर सम्मेलन भी जिक्र है, इसके अलावा कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में पीएम ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास का भी जिक्र किया गया है। जी-20 शिखर सम्मेलन के बारे में बताया गया है कि 26 मार्च, 2020 को COVID-19 महामारी के प्रकोप से उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा करने और एक वैश्विक समन्वित प्रतिक्रिया बनाने के लिए एक असाधारण आभासी जी20 लीडर्स समिट का आयोजन किया गया था। इससे पहले पीएम मोदी ने इस विषय पर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी।

मानव जाति की सामूहिक भलाई का किया आह्वान

मानव जाति की सामूहिक भलाई का किया आह्वान

इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पीएम मोदी ने नए वैश्वीकरण में मानव जाति की सामूहिक भलाई के लिए नेताओं की मदद करने का आह्वान किया और मानवता के साझा हितों को बढ़ावा देने के लिए बहुपक्षीय मंचों पर ध्यान केंद्रित किया। अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के उप-शीर्षक के तहत बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री महामहिम बोरिस जॉनसन के साथ, 12 मार्च, 2020 को इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और 17 मार्च 2020 को सउदी अरब के शाही महामहिम मोहम्मद बिन सलमान के साथ कोरोना वायरस को लेकर टेलीफोन पर चर्चा की थी।

किसी टास्क फोर्स का जिक्र नहीं

इसके बाद पीएम मोदी ने 25 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ चर्चा की। 26 मार्च को मोदी ने कतर राज्य के अमीर के महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी अल थानी के साथ अलग-अलग टेलीफोन पर चर्चा की। इन सब जानकारियों में कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि पीएम को COVID-19 से लड़ने के लिए वैश्विक कार्य का नेतृत्व करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा रिपोर्ट में ऐसे किसी टास्क फोर्स का जिक्र नहीं है जिसे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए गठित किया गया हो। विश्व के सभी देशों ने इस महामारी से लड़ने के तरीके खोजने में एक-दूसरे का सहयोग करने की बात कही है।

यह भी पढ़ें: चीन: एक नया कोरोना वायरस खोजने का दावा, लंबे वक्त तक कर सकता है संक्रमित

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English summary
Fake News PM Modi not going to lead task force of 18 countries against COVID-19
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