Fack Check: पुलिस की गाड़ी जलने की तस्वीर नार्वे की नहीं बल्कि इस देश की है
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर पुलिस की गाड़ी जलने की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। जिसे शेयर करते हुए ये दावा किया जा रहा है कि ये नार्वे की है। दरअसल स्वीडन में इस्लाम विरोधी हिंसक प्रदर्शनों की आग पड़ोसी देश नार्वे तक पहुंच गई। यहां ओस्लो में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और मुसलमानों के बीच झड़प हुई है। इस बीच सोशल मीडिया पर किसी ने ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'नार्वे में हुए दंगे। यह कितना भयानक है, लेकिन यहां कोई मीडिया कवरेज नहीं है। स्कैंडिनेविया में दंगे काफी दुर्लभ हैं और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। मुख्यधारा का मीडिया इसे कवर नहीं करेगा क्योंकि उनके पास एक एजेंडा है और वो अप्रवासियों को खुश रखना चाहता है।'
हालांकि जब हमने इस तस्वीर की पड़ताल की तो पता चला कि ये नार्वे की तस्वीर नहीं है बल्कि ये अमेरिका के शिकागो की तस्वीर है। जहां अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था। 'ब्लैक लीवस मैटर' प्रोटेस्ट के दौरान ही दंगाइयों ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था। इसके अलावा 31 अगस्त को प्रकाशित हुआ एक लेख भी मिला है। जिसपर लिखा है कि अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी के बीच काफी बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ है। जिसकी तस्वीरों में पुलिस की गाड़ी जलने वाली ये तस्वीर भी शामिल है।
इसके अलावा यही तस्वीर अन्य वेबसाइट के लेख में भी दिखाई दे रही है। इसे आप शिकागो सन टाइम्स के लेख में देख सकते हैं। लेकिन अब गलत दावे के साथ इसे शेयर किया जा रहा है। ये तस्वीर अमेरिका की है। ये नार्वे की नहीं है। बता दें दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने नार्वे की राजधानी ओस्लो में इस्लामीकरण के खिलाफ एक रैली निकाली थी, जिसका मुस्लिम समूहों ने विरोध किया था। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रदर्शन के दौरान मुस्लिमों की पवित्र किताब कुरान की प्रतियां फाड़ी गईं और इन प्रदर्शनों का आयोजन धुर दक्षिणपंथी संगठन स्टॉप इस्लामाइजेशन ऑफ नार्वे (SIAN) ने किया था।
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Fact Check
दावा
पुलिस की गाड़ी जलने की तस्वीर नार्वे की है
नतीजा
पुलिस की गाड़ी जलने की नार्वे नहीं बल्कि अमेरिका की है