Fact Check: अंबाला एयरबेस के करीब नहीं हुआ है राफेल जेट क्रैश, Fake है वायरल हो रहा ट्वीट
नई दिल्ली। 10 सितंबर को ऐसी ट्वीट्स, फोटोग्राफ्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं जिसमें दावा किया गया था कि अंबाला एयरबेस के करीब इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) का एक राफेल जेट क्रैश हो गया है। सोशल मीडिया पोस्ट्स पर यह दावा भी किया गया कि इस क्रैश में दो पायलट भी शहीद हो गए हैं। ट्वीट आईएएफ के हैंडल से दावा करने वाला था तो लोगों में भी अजीब सी स्थिति थी। लेकिन अब पीआईबी की तरफ से बताया गया है कि ये जानकारी पूरी तरह से फेक है। आईएएफ ने ऐसा कोई भी ट्वीट नहीं किया और न ही कोई राफेल जेट क्रैश हुआ है।
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IAF की ट्वीट है फेक
सोशल मीडिया पर साझा हो रही पोस्ट्स में कहा गया था कि आईएएफ में शामिल नए फाइटर जेट राफेल में कुछ तकनीकी समस्या आ गई थी। इस वजह वह अंबाला के करीब क्रैश हो गया और इसमें पायलट भी शहीद हो गए। ये जानकारी आईएएफ के उस हैंडल की तरफ से साझा की जा रही थी जो फेक था। पीआईबी की तरफ से कहा गया है, 'आईएएफ ने इस तरह की कोई भी ट्वीट जिसमें राफेल क्रैश की बात है, पोस्ट नहीं की है और यह खबर झूठी है।' पीआईबी फैक्ट चेक के जरिए बताया गया है कि जो तस्वीरें साझा की जा रही हैं वह भी गलत हैं।
10 सितंबर को बने IAF का हिस्सा
10 सितंबर को पांच राफेल जेट्स को औपचारिक तौर पर आईएएफ में शामिल कर लिया गया। अंबाला में आयोजित इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भी मौजूद थीं। इसके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और आईएएफ चीफ, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी इसमें शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नए राफेल जेट को किसी भी शॉर्ट नोटिस पर पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तैनात किया जा सकता है।
मिराज क्रैश की तस्वीरों के साथ झूठ का दावा
राफेल एक 4.5 जनरेशन का फाइटर जेट है। भारत और फ्रांस के बीच साल 2016 में 36 राफेल जेट की डील फाइनल हुई थी जो कि 59,000 करोड़ की थी। जो तस्वीरें क्रैश का दावा करते हुए शेयर की जा रही हैं, वो साल 2019 में बेंगलुरु में क्रैश हुए आईएएफ के फाइटर जेट मिराज 2000 की हैं। रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्तान के ट्विटर हैंडल से यह कारस्तानी की जा रही है जिसमें राफेल के क्रैश की झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने इसे आईएसआई का एजेंडा करार दिया है। रिटायर्ड वायुसैनिकों ने भी लोगों से अपील की है कि वो इस एजेंडे में न फंसें।
पाक को धूल चटाने वाली स्क्वाड्रन
29 जुलाई को फ्रांस से पांच राफेल जेट का पहला बैच भारत आया था। राफेल की पहली कॉम्बेट यूनिट वही गोल्डन एरो स्क्वाड्रन होगी जिसने सन् 1999 में कारगिल की जंग के समय पाकिस्तान के छक्के छुड़ाए थे। उस समय आईएएफ के पूर्व मुखिया चीफ एयर मार्शल (रिटायर्ड) बीएस धनोआ इसे कमांड कर रहे थे। धनोआ पहले ही इस जेट को भारत के लिए 'गेम चेंजर' करार दे चुके हैं। आईएएफ की 17 स्क्वाड्रन ने कारगिल की जंग के समय मिग-21 को ऑपरेट किया था। हरियाणा का अंबाला एयरबेस काफी अहम है। इस एयरबेस पर जंग की स्थिति में सबसे पहले पाकिस्तान को प्रतिक्रिया देने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
Fact Check
दावा
The image is Morphed. No such tweet has been posted by IAF. Also, no such incident has taken place.
नतीजा
Fake news