Fact Check: केंद्र सरकार ने लोगों को किया अलर्ट, जॉब देने वाली इस संस्था से उसका कोई संबंध नहीं
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों अफवाहों से सचेत रहने की जरूरत है। कोरोना काल में कई मुद्दों पर अशांति फैलाने के इरादे से कई फेक अकाउंट से फेक न्यूज फैलाई जा रही है। इसी क्रम में इन दिनों सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) को लेकर एक खबर वायरल हो रही है जिसका खंडन MSME ने अपने एक बयान में किया है। मंत्रालय ने कहा कि एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद (MSME Export Promotion Council) नाम का संगठन किसी भी प्रकार से उसके साथ जुड़ा नहीं है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर इन दिनों एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा 'निदेशक' के पद पर नियुक्ति पत्र जारी करने को लेकर एक संदेश फैलाया जा रहा था। इस वायरल दावे के झूठा बताते हुए MSME ने अपने एक बयान में कहा कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल द्वारा 'निदेशक' के पद पर नियुक्ति पत्र को लेकर एक संदेश शेयर किया जा रहा है जो पूरी तरह गलत है। मंत्रालय ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि यह भी देखा गया है कि यह संगठन हमारे मंत्रालय के नाम का उपयोग कर रहा है, हम बता दें कि एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद नाम का संगठन किसी भी प्रकार से सरकार से जुड़ा नहीं है।
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एमएसएमई ने आगे कहा, हमारे मंत्रालय ने इस परिषद से संबंधित किसी भी पद के लिए किसी भी पोस्टिंग या नियुक्ति को अधिकृत नहीं किया है। ऐसे किसी संगठन का हमसे कोई संबंध नहीं है। बता दें कि कोरोना वायरस संकट में कई लोगों को नौकरी की तलाश है, ऐसे में कुछ फर्जी लोग बेरोजगारों से पैसे ऐठने के लिए सरकारी नौकरी का झांसा दे रहे हैं। एमएसएमई ने लोगों से इस तरह के संदेशों या ऐसे तत्वों के शिकार न होने की सलाह दी जाती है। हालांकि, मएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद ने अपनी वेबसाइट पर स्पष्ट किया है कि वह एक निजी कंपनी है, जो परर्मार्थ उद्देश्य के लिए बनायी गयी है।
Fact Check
दावा
सरकारी संस्था है एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद।
नतीजा
MSME ने स्पष्ट किया, एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद जैसी संस्था से कोई संबंध नहीं।