Fact Check: कोविड-19 के संबंध में किसी जातीय समूह की इम्युनिटी पर अध्ययन नहीं कर रहा आईसीएमआर
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक ट्वीट काफी वायरल हो रहा है, जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि पूरे भारत में असमिया लोगों में से किसी में भी कोविड-19 नहीं पाया गया है। ट्वीट में ये भी कहा गया है कि आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) स्वदेशी असमिया लोगों की इम्युनिटी (प्रतिरक्षा) पर अध्ययन कर सकता है। आपको बता दें ये दावा पूरी तरह से गलत है। ऐसे किसी दावे पर बिलकुल भी विश्वास न करें।
इस मामले में आईसीएमआर के डीजी बलराम भारगव ने कहा है कि इस समय ICMR द्वारा इस मामले में कोई अध्ययन नहीं किया गया है। उन्होंने भाईचारे और एकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कही गई बात भी दोहराई। जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोविड-19 महामारी ने हर किसी को समान रूप से प्रभावित किया है। इस चुनौती से निपटने के लिए एकता और भाईचारे की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने ये भी कहा था कि 'कोविड-19 हमला करने के लिए नस्ल, धर्म, रंग, जाति, समुदाय, भाषा या सीमा को नहीं पहचानता। इसलिए हमें इसका सामना करने में एकता और भाईचारे को प्रमुखता देनी होगी। हम सब इसमें साथ हैं।' आईसीएमआर के डीजी ने यही कहा कि ये बीमारी किसी को भी जाति आदि के आधार पर नहीं चुनती है।
देश में कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार सुबह बताया कि देश में बीते 24 घंटों के भीतर कोरोना वायरस के 1429 नए मामले सामने आए हैं और 57 लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय के मुताबिक अब भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 24,506 हो गई है। इसमें 18,668 सक्रिय मामले हैं, 5,063 लोग ठीक / डिस्चार्ज / विस्थापित हैं और कुल 775 मौतें हुई हैं।
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