कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने किया 'हिंदी विरोधी आंदोलन' का समर्थन? जानिए सच्चाई
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने तमिलनाडु के हिंदी विरोधी आंदोलन का समर्थन किया है। इस तस्वीर में ट्रूडो के हाथ में एक टीशर्ट दिखाई दे रही है, जिसपर लिखा है, 'Hindi theriyathu poda'। इस सोशल मीडिया पोस्ट में ये दावा किया गया है कि जस्टिन ट्रूडो तमिलनाडु में हो रहे हिंदी विरोधी आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। इस पोस्ट में ट्रूडो का नाम लेते हुए ये भी लिखा है, 'अगर तमिलों की कोई समस्या है तो मैं चुप नहीं रह सकता।'
जब हमने इस तस्वीर की पड़ताल की तो पता चला कि ये एकदम फर्जी है। जस्टिन ट्रूडो ने ऐसे किसी आंदोलन का समर्थन नहीं किया है। इस तस्वीर को फोटोशॉप किया गया है। जिस असल पोस्ट से तस्वीर को कॉपी किया गया है, वह जस्टिन ट्रूडो के ट्विटर हैंडल पर मिल जाएगी। इसका स्क्रीनशॉट हम खबर में लगा रहे हैं।
ट्रूडो ने पिछले साल 30 मई को हाथ में टी-शर्ट पकड़ते हुए एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसपर लिखा है, 'Vaccines cause adults'। इसी तस्वीर को पूरी तरह कॉपी करके टी-शर्ट पर लिखी गई बात की जगह फर्जी संदेश लिख दिया गया है। इस तस्वीर को हूबहू कॉपी किया गया है। आपको सलाह दी जाती है कि इस तरह की किसी फर्जी पोस्ट पर विश्वास ना करें।
वहीं कनाडा की एक सांसद ने भी ट्रूडो के साथ ऐसी ही टी-शर्ट पहने हुए तस्वीर साझा की थी। अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा था कि वैक्सीन सुरक्षित हैं और प्रधानमंत्री टीकाकरण का पूर्ण समर्थन कर रहे हैं। तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर जस्टिन ट्रूडो ने कोई बयान नहीं दिया है।
Fact
Check:
ऑफिस
बनवाने
के
लिए
कंगना
को
200
करोड़
देंगे
मुकेश
अंबानी?
क्या
है
वायरल
मैसेज
का
सच
Fact Check
दावा
जस्टिन ट्रूडो ने हिंदी विरोधी आंदोलन का समर्थन किया।
नतीजा
जस्टिन ट्रूडो ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।