Fact Check: लॉकडाउन के दौरान मंदिर से जब्त नहीं की गई थी नकली नोट, साल 2019 का है वायरल हो रहा पोस्ट
अहमदाबाद। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान गुजरात के एक मंदिर में नकली नोटों की छपाई हो रही है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है वहीं दूसरी तरफ गुजरात में एक मंदिर में इसका फायदा उठाकर नकली नोटों की छपाई जोरों पर चल रही है। पोस्ट करने वाले ने न्यूज चैलज जी बिहार-झारखंड का हवाला दिया है जिसमें कहा जा रहा है कि मामला सूरत के निर्माणाधीन स्वामी नारायएा मंदिर है और पुलिस ने वहां से करीब 1 करोड़ के नकली नोट बरामद किए हैं।
पुजारी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस पोस्ट की सत्यता जांचने पर पता चला कि लॉकडाउन से इसका कोई संबंध नहीं है। यह घटना वास्तव में नवंबर 2019 में हुई थी। टीवी 9 गुजराती ने भी 24 नवंबर 2019 को रिपोर्ट किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 करोड़ रुपये के नकली नोट जब्त किए गए थे और एक पुजारी सहित पांच लोगों को गुजरात की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था।
क्या था उस वक्त का मामला
गुजरात के स्वामीनारायण मंदिर में नकली करंसी नोट छापने का कारखाना चल रहा था। मंदिर में अंदर नकली करंसी नोट छपते थे और उन्हें गुजरात में अलग अलग जगह चलाया जाता था। इस मामले में गुजरात के कई हिस्सों में गिरफ्तारियां हुई हैं और अब तक पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें से एक शख्स स्वामीनारायण मंदिर का पुजारी राधारमन स्वामी बताया जा रहा है।
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पकड़े गए लोगों के पास से 1 करोड़ रूपए से ज्यादा के नकली करंसी नोट मिले हैं। दरअसल सूरत में अपराध शाखा ने एक ऑपरेशन की शुरुआत की थी। मुखबिरों से सूचना मिलने पर पुलिस ने सबसे पहले यहां के रहने वाले 19 साल के एक शख्स प्रतीक डी चौडवाडिया को गिरफ्तार किया। मामला नंवबर 2019 का था।