फेक है कोरोना वायरस के चलते आरबीआई का अपने वित्तवर्ष में बदलाव करने का मैसेज
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बीच एकमैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने वित्त वर्ष में बदलाव का फैसला किया है। इस मैसेज में कहा गया हैक कि आरबीआई अपने वित्तवर्ष ( 01 जुलाई से अगले साल 30 जून) को बदलकर 01 अप्रैल से अगले साल 31 मार्च तक कर रहा है। इसकी वजह कोरोना के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़ी मार को कहा गया है। फैक्ट चैक में सामने आया है कि मैसेज में किया जा रहा दावा गलत है।
दरअसल बैंक ने इस तरह का फैसला तो जरूर लिया है लेकिन इसका कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है। ये एक काफी पुराना सुझाव है, इस पर बीते साल भी बात हुई थी। वहीं इस साल फरवरी में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने भी इसके संकेत दिए थे।
आरबीआई का वित्त वर्ष 01 जुलाई से अगले साल 30 जून तक का होता है जबकि केंद्र सरकार का वित्त वर्ष 01 अप्रैल से अगले साल 31 मार्च तक का होता है। विमल जालान समिति ने आरबीआई का वित्त वर्ष सरकार के वित्त वर्ष के समान करने की सिफारिश की थी। जिसके बाद 15 फरवरी को बैंक की ओर से इसे मंजूरी दे दी गई थी और इसे केंद्र को भेज दिया था। ऐसे में इसे कोरोना वायरस से किसी भी तरह जोड़ना ठीक नहीं है।
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सोमवार से ही देश के ज्यादातर हिस्सों में बंदी है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन को लागू कर दिया गया है। पंजाब, महाराष्ट्र में इससे पहले से ही कर्फ्यू लगा हुआ है। बुधवार को भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या 562 तक पहुंच गई है। देश में अब तक इस महामारी से 9 लोगों की मौत भी हो चुकी है। दुनियाभर में बात करें तो साढ़े चार लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 19 हजार लोगों की मौत हो गई है। इटली में सबसे ज्यादा 6800 लोगों की मौत हुई है।
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