िल्ली की 70 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए 8 फरवरी, 2020 को चुनाव हुए। इस चुनाव में दिल्ली में 62.82% वोट पड़े, जो कि पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में 4.65% कम थे।
1998 के बाद यह पहला चुनाव था, जब दिल्ली में मतदान में गिरावट दर्ज की गई। 1998 में राष्ट्रीय राजधानी में महज 48.99 फीसदी वोट पड़े थे, जो कि पहली की 61.75 वोटिंग के हिसाब से 12 प्रतिशत से ज्यादा की बड़ी गिरावट थी।
जब से दिल्ली की चुनावी राजनीति में आम आदमी पार्टी (एएपी) की एंट्री हुई है, राजधानी में बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है।
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने जबर्दस्त जीत दर्ज की और उसे 70 में से 62 सीटें मिल गईं। यह लगातार दूसरा चुनाव था जब दिल्ली की जनता ने आम आदमी के पक्ष में निर्णायक जनादेश दिया। बीजेपी को इस चुनाव में 8 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस एक बार फिर शून्य पर रही और उसके वोट शेयर को भी तगड़ा नुकसान हुआ।
16 फरवरी को अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी 70 में से 67 सीटें जीतकर भारी विजय हासिल की थी।
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