keyboard_backspace

Covid-19 vaccine:कोरोना आपदा ने पीएम मोदी को कैसे बना दिया ग्लोबल लीडर, WHO ने भी की है सराहना

Google Oneindia News

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने दुनिया भर में कोविड-19 वैक्सीन पहुंचाने में मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की है। उन्होंने दूसरे देशों को भी भारत से सीखने की नसीहत दे दी है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कोवैक्स के प्रति प्रतिबद्धता दिखाने और 60 से ज्यादा देशों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने के लिए भारत और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया है। भारत के इस समर्थन से उन देशों में स्वास्थ्यकर्मियों और दूसरे प्राथमिकता वाले समूहों में टीकाकरण शुरू होना संभव हो पाया है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत की ओर से ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। महामारी की शुरुआत से जब भी दुनिया को जरूरत पड़ी है, भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ ही सबकी आवश्यकताओं के समय खड़ा हुआ है। दुनिया ने जिस वायरस के सामने अमेरिका और यूरोप जैसे धनाढ्य देशों को लाचार होते देखा है, वहां भारत ना सिर्फ इससे अच्छी तरह से निपटा है, बल्कि वैक्सीन बनाने से लेकर लगाने और दूसरों तक पहुंचाने में भी अगुवा साबित हो रहा है।

पिछले साल होली से पहले ही दुनिया को दिया था बड़ा संदेश

पिछले साल होली से पहले ही दुनिया को दिया था बड़ा संदेश

साल 2020 में मार्च के पहले हफ्ते की ही बात है, प्रधानमंत्री मोदी ने कह दिया था कि वो इसबार होली मिलन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। विशेषज्ञों ने सलाह दी थी कि सोशल गैदरिंग से दूर रहना जरूरी हो गया है। दुनियाभर के नेताओं में सामाजिक दूरी बनाने के लिए लोगों को संदेश देने का यह शुरुआती संकेत था। बहुत लोगों को तबतक कोविड की गंभीरता का अंदाजा भी नहीं लगा था। एक महीने बाद देश में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया और खुद मोदी भी मास्क में ही नजर आने लगे। जबकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन को दुनिया के देशों तक यह सुझाव पहुंचाने में जून आ गया। पीएम की दूरदर्शिता का अंदाजा इसी से लगता है कि जब उन्होंने 24 मार्च को संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की तो देश में कोरोना के सिर्फ 500 केस थे। कोविड के केस सिर्फ एक हफ्ते में 10.9% से 19.6% बढ़ गए थे और तीन दिनों में ही मामले दोगुने होने लगे थे। 130 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में पूरी तरह से लॉकडाउन का फैसला ऐसे समय लिया गया , जब कई देश ऐसा फैसला करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।

लॉकडाउन ने बदल दी भारत की तस्वीर

लॉकडाउन ने बदल दी भारत की तस्वीर

लॉकडाउन की अवधि का सरकार ने भरपूर इस्तेमाल किया। 15,362 डेडिकेटेड कोविड हेल्थ फैसिलिटी तैयार की गई। 15.40 लाख आइसोलेशन बेड तैयार हुए, 2.70 लाख ऑक्सीजन वाले बेड तैयार किए गए और 78,000 आईसीयू बेड का इंतजाम कर लिया गया। देश में इस दौरान सरकारी अस्पतालों में 32,400 अतिरिक्त वेंटिलेटर भी उपलब्ध करवाए गए। जबकि, इससे पहले देश के इन अस्पतालों में महज 12,000 वेंटिलेटर ही थे। यह वो दौर था, जो शुरू में पीपीई किट और एन95 मास्क के लिए दूसरों पर निर्भर रहने वाले भारत ने अपनी क्षमता के दम पर राज्य सरकारों को 3.70 करोड़ एन95 मास्क और 1.60 करोड़ पीपीई किट उपलब्ध करवाए। इस समय तक कई विकसित देश भी कोरोना से लड़ने के इन सबसे कारगर हथियारों की तंगी झेल रहे थे। यह वही भारत था, जहां से जनवरी, 2020 के आखिर में चीन के वुहान से अपने छात्रों को लाने के लिए विमान भेजा गया तो स्टाफ या किसी के पास ये चीजें नहीं थीं। लेकिन, अनलॉक शुरू होते ही एयरपोर्ट पर नजारे बदले दिखने शुरू हो गए। फेस शील्ड और पीपीई किट तो दिनचर्या में शामिल हो चुका था।

आत्मनिर्भर बनते भारत पर दुनिया की टिकी उम्मीद

आत्मनिर्भर बनते भारत पर दुनिया की टिकी उम्मीद

पीएम मोदी ने लॉकडाउन से पहले ही जनता कर्फ्यू के जरिए इस महामारी का सामना करने के लिए जनभागीदारी की पहल शुरू कर दी थी। उनकी बातों में ऐसी अपील थी कि देश उनपर भरोसा करके उनके बताए रास्ते पर चल पड़ा और आज गवाही वैश्विक संस्था दे रहा है। कोरोना से लड़ाई में मोदी की अगुवाई में भारत ने सही मायने में 'वसुधैव कुटुम्बकम' वाले अपने प्राचीन मंत्र की भावना से पूरे विश्व को साथ लेकर चलने की कोशिश की है और यही वजह है कि दुनिया की तमाम बड़ी शक्तियां भारतीयों की क्षमता और सबको साथ लेकर चलने के उसके हौसले का सम्मान कर रहे हैं। चाहे कोरोना से लड़ने के लिए कभी विश्व को क्लोरोक्वीन और पैरासिटामोल जैसी दवाइयों की दरकार पड़ी हो या टेस्टिंग किट की, इस देश ने किसी को निराश नहीं किया है। इन दवाइयों को छोड़ दें तो टेस्टिंग किट में भी शुरू में भारत के हाथ तंग थे। सैकड़ों देशों तक इन चीजों की भी मदद पहुंचाई और अब 'संजीवनी बूटी' बनी वैक्सीन उपलब्ध करवाने का बीड़ा उठा रहा है। यानी कोरोना में भारत आत्मनिर्भर भी बना है और मानवता की रक्षा की जिम्मेदारी भी निभा रहा है।

वैक्सीन विकसित होने से टीकाकरण तक रखी पैनी नजर

वैक्सीन विकसित होने से टीकाकरण तक रखी पैनी नजर

जाहिर है कि इतना सबकुछ किसी एक व्यक्ति के वश की बात नहीं थी, लेकिन नेतृत्व मिला तो भारत ने करके दिखा भी दिया। जब कोरोना का दूसरा उफान थमना शुरू हुआ तो पीएम मोदी ने अपनी प्राथमिकता पूरी तरह से वैक्सीन पर फोकस कर दिया। इसके विकास और निर्माण की तैयारियों का जायजा लेने खुद वो हैदराबाद के भारत बायोटेक, पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट और अहमदाबाद के जायडस बायोटेक पहुंच गए। भारत में सीरम इंस्ट्यूट में तैयार ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सीन की डोज लेने के लिए कई देशों ने भारत के साथ समझौते किए हैं।

'जान है तो जहान है' से 'जान भी जहान भी' का सफर

'जान है तो जहान है' से 'जान भी जहान भी' का सफर

ऐसा नहीं है कि कोविड-19 के खिलाफ जंग इतना आसान था। एक विकसित हो रही बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए इतनी बड़ी आबादी को इससे सुरक्षित रखते जिंदगी की गाड़ी के पहिये को आगे खींचना बहुत ही चुनौती पूर्ण साबित हुआ। लेकिन, फिर से एक सुलझे हुए नेतृत्व का करिश्मा कह सकते हैं कि भारत इकोनॉमी के क्षेत्र में भी अब लॉकडाउन की मार से उबरता हुआ नजर आ रहा है। जब उन्होंने लॉकडाउन की घोषणा की थी तो उनका देशवासियों या यूं कह लीजिए कि पूरी दुनिया के लिए एक ही संदेश था- 'जान है तो जहान है।' उन्होंने मास्क पहनना, हाथ धोना और दो गज की दूरी रखने पर जोर दिया था तो अनलॉक फेज में उन्होंने ही 'जान भी जहान भी' का दर्शन भी दिया। जब देश में कोरोना के चलते सबकुछ ठहर गया था तो उन्होंने गरीबों की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं होने दिया और उनके लिए शुरू में ही 1.70 लाख करोड़ रुपये की 'प्रधान मंत्री गरीब कल्याण पैकेज' का ऐलान किया, जिसके जरिए महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को मुफ्त में अनाज और कैश दिए गए।

कोरोना महामारी ने पीएम मोदी को बना दिया है वर्ल्ड लीडर

कोरोना महामारी ने पीएम मोदी को बना दिया है वर्ल्ड लीडर

अगर 25 फरवरी,2021 के आंकड़े बताएं तो देश के प्रधानमंत्री का यही जज्बा है कि भारत में 1,34,72,643 करोड़ लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन लगाई जा चुकी है। देश में 21,46,61,465 करोड़ कोरोना सैंपल की टेस्टिंग हो चुकी है। भारतीय दवा और वैक्सीन ने अब वैश्विक भरोसा हासिल किया है। ग्लोबल वैक्सीनेशन ड्राइव में भारत तो मुख्य भूमिका में आ चुका है, जबकि तमाम विकसित देश अब तक इससे पूरी तरह संभल नहीं पाए हैं। यही वजह है कि कोविड से संबंधित कोई भी मसला आता है तो आज दुनिया एकबार भारत और उसके प्रधानमंत्री की ओर जरूर उम्मीद भरी नजरों से देखने लगी है। उन्हें यकीन हो गया है कि आज नरेंद्र मोदी ही वह वर्ल्ड लीडर हैं, जो इस संकट से पूरी मानवता की रक्षा कर सकते हैं।

इसे भी पढ़े- 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का सोमवार से होगा टीकाकरण, शुल्क से लेकर वैक्सीन केंद्र तक, जानें सभी सवालों केइसे भी पढ़े- 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का सोमवार से होगा टीकाकरण, शुल्क से लेकर वैक्सीन केंद्र तक, जानें सभी सवालों के

Comments
English summary
Covid-19 vaccine:Corona virus pandemic makes PM Modi world leader, World Health Organization praises
For Daily Alerts
Related News
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X