तालिबानः सारी दुनिया के लिए खतरा
पाकिस्तान जिम्मेदार...
तालिबान के अस्तित्व को शुरू में पाकिस्तान खारिज करता रहा। फिलहाल तालिबान ने खुद का एक बहुत बड़ा 'नेटवर्क' तैयार कर रखा है। वह पाकिस्तान की लड़कियों तक को दिनदहाड़े उठा ले जाता है। सूत्र बताते हैं कि तालिबान लाहौर पर कब्जा करने के लिए भी बेचैन है। इसके पास अत्याधुनिक हथियार भी है। यदि यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान पर तालिबान का कब्जा होगा और पाकिस्तान का नाम 'तालिस्तान' होगा।
बड़ी बात यह है कि इसके लिये खुद पाकिस्तान ही जिम्मेवार है। भारत को चोट पहुंचाने और कश्मीर हड़पने की नीयत से पाकिस्तान ने ही तालिबान को जन्म दिया। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ जरदारी ने पिछले दिनों खुद स्वीकार किया कि तालिबान को उन्हीं के देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अमेरिका की सीआईए की मदद से खड़ा किया है।
कूटनीतिक चालों के लिए इस्तेमाल
पाकिस्तान का मकसद क्या रहा होगा, इस बात से हर भारतीय बखूबी अवगत है। जरदारी का यह भी आरोप था कि पूर्व राष्ट्रपति मुशरर्फ को तालिबानियों से विशेष लगाव था। यह जगजाहिर है कि तीन दशक पहले अमेरिका-भारत के रिश्ते आज की तरह सौहार्दपूर्ण नहीं थे। अमेरिका का झुकाव भारत की तरफ तब हुआ जब उसे लगने लगा कि इंडिया तेजी से विश्व पटल पर महाशक्ति के रूप में उभरता जा रहा है। ऎसे अमेरिका भी इस बात को स्वीकार करती है कि पाकिस्तान में आंतकियों का मजबूत गढ़ है।
सात जुलाई 2009 को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हुई एक बैठक में भी जरदारी ने माना कि पाक ने ही पैदा किये आतंकी। उन्होंने कहा कि अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए हमले के पहले ये आतंकी 'हीरो' समझे जाते थे। इस हमले के बाद आतंकियों का मन इतना अधिक बढ़ गया कि वे पाकिस्तान को ही निशाना बनाना शुरू कर दिये।
पाक की गलती उसी पर भारी
जरदारी ने यह स्वीकार किया कि छद्म कूटनीतिक हितों के लिए ही आतंकियों को पाला-पोसा गया। यह गलती आज पाकिस्तान पर ही भारी पड़ रहा है। तालिबान ताबड़तोड़ पाकिस्तानी जनता पर हमला कर रहा है। सूत्रों की मानें तो ओसामा बिन लादेन भी तालिबान में ही है। अब अमेरिका भी इस बात से घबराने लगा है कि यदि तालिबानी आतंकी पाकिस्तान के परमाणु हथियार तक पहुंच गये तो कई देश में तबाही मचा देंगे।
देर से ही सही यदि जरदारी ने मान लिया है कि पाकिस्तान की ही देन है तालिबानी आतंकी । तो पाकिस्तान को यह भी समझ लेना चाहिए कि भारत उसका दुश्मन नहीं है। उसे भारत समेत अन्य देशों की मदद से तालिबानी आतंकियों को जल्द से जल्द कुचल देना चाहिए। यदि वह ऎसा नहीं करता है तो आने वाले समय में तालिबानी आतंकी ही पाकिस्तान पर राज करेंगे और दर्जनों देश इससे प्रभावित होंगे।
तालिबान
का
खतरा
अमेरिका
पर
भी
मंडरा
रहा
है।
तालिबान
में
अनगिनत
'मोस्ट
वांटेड'
आतंकी
शामिल
हैं।
इनकी
तलाश
अमेरिका
सालों
से
कर
रहा
है।
ये
आतंकी
अमेरिका
पर
हमले
की
साजिश
भी
रच
रहे
हैं।
यह
अलग
बात
है
कि
ये
उसमें
सफल
नहीं
हो
पा
रहे
हैं।