विश्व पर्यावरण दिवस पर आप करें पहल
लेकिन अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो मैं तो ये कहूंगी कि अपनी इसी सोच कि वजह से हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। हम अपना दायित्व ही नही समझ पा रहे। हमेशा की तरह दूसरो पर बात छोड देते हैं कि मै तो कर ही रहा हूँ या मैं तो सजग हूँ पर दूसरे नही करते तो मैं क्या करुँ....मैं अकेला तो कुछ नही कर सकता ना ...हालांकि अपवाद तो होते ही हैं.
पढ़ें
-
मोनिका
गुप्ता
के
लेख
खैर
अब
सोचना
छोड़िये
और
खुद
से
कहिए
कि
'चलो
ज्यादा
नही
पर
हम
एक
शुरुआत
तो
कर
सकते
हैं'।
सच
पूछें
तो
पर्यावरण
की
सुरक्षा
के
लिए
हमे
कुछ
ज्यादा
करना
भी
नहीं
है।
सिर्फ
एक
पहल
करनी
है
यानी
खुद
को
एक
मौका
देना
है.
हमारी
छोटी-छोटी,
समझदारी
भरी
पहल
पर्यावरण
को
बेहद
साफ-सुथरा
और
तरो-ताजा
कर
सकती
है।
आइये
जानते
हैं
कि
हम
कैसे
अपने
पर्यावरण
को
बचाने
में
अपना
छोटा
लेकिन
अमूल्य
योगदान
दे
सकते
हैं-
1. अब आप दुकान पर तो जाते ही होगें कुछ ना कुछ खरीदने तो बस प्लास्टिक के लिफाफे छोड़ें और रद्दी कागज के लिफाफे या कपड़े के थैले इस्तेमाल करें ।
2. जिस कमरे मे कोई ना हो उस कमरे का पंखा और लाईट बंद कर दें लेक िन यहां पर ध्यान ये देना है कि आप इस काम को टलें ना वरना वो हमेशा के लिए टल जाएगा।
3. यही बात पानी पर भी लागू होती है। पानी को फालतू ना बहने दें।
4. आज के इंटरनेट के युग मे, हम अपने सारे बिलों का भुगतान आनलाईन करें तो इससे ना सिर्फ हमारा समय बचेगा बल्कि कागज के साथ साथ पैट्रोल डीजल भी बचेगा. आपको पता ही होगा कि जाने अंजाने हम आन लाईन काम करके पेड कटने से बचा रहे हैं.
5. अब सबसे आखिरी और जरूरी सुझाव, आप दूसरों को उपहार तो देते ही हैं। कितना अच्छा लगता है जब कोई उपहार मिलता है. यह और भी अच्छा तब लगेगा जब आप उपहार मे पौधा देंगे। पौधों को उपहार में देकर और दूसरों को भी देने के लिए प्रेरित कर के हम पर्यावरण के स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
अगर हम सब घर पर बैठे-बैठे इन मामूली बातो पर ध्यान देने लग जाए तो भई नई क्रांति आने से कोई नही रोक सकता। बातें तो और भी है लेकिन शुरुआत करने के लिए अभी इतना ही काफी है। एक बार पहल करके तो देखिए, भारत को नई उडान भरने के लिए आप ही के सहयोग की जरूरत है।