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जानिए भारत के लिए कैसा रहेगा वर्ष 2017?

भारत निरन्तर अपने साहस, कुशल रणनीति और सह्रदयता के बल पर विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध है।

By पं. अनुज के शुक्ल
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लखनऊ। भारत निरन्तर अपने साहस, कुशल रणनीति और सह्रदयता के बल पर विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष दर वर्ष भारत अपनी रक्षा शक्ति, सहयोग, संस्कृति और बौद्धिक बल से पूरे विश्व में धाक जमाये हुये है। कहीं आपका बर्थडे भी तो जनवरी में नहीं, अगर हां तो जरूर क्लिक करें...

पिछले वर्ष भारत में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये जैसे-नोटबंदी, जीएसटी आदि इन निर्णयों का आने वाले दिनों में भारत की अर्थव्यस्था पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

आइये इन्हीं सब सवालों का जवाब खोजते है और देखते है कि वर्ष 2017 भारत के लिए क्या-क्या परिवर्तन लेकर आयेगा ?

  • इस कुण्डली का वर्षेश शनि है, जो पंचमेश व अष्टमेश होकर तृतीय भाव में स्थिति है। अपने परिश्रम व बौद्धिक बल से बहुत सारे कार्यो में विजय हासिल हो सकती है। इस वर्ष पीएम के द्वारा और कई सारे महत्वपूर्ण निर्णय लिये जा सकते है, जिससे पब्लिक को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
  • भारत की वर्ष कुण्डली में मुंथा प्रथम भाव में स्थित है। भारत के शत्रु दोस्ती का हाथ करने के लिए भरपूर कोशिशि करेंगे। नाना प्रकार के उद्योग लगेंगे जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। मुंथा वर्ष लग्न है, अतः शुभदायक है। पूर्व से चले आ रहे विवादों का निपटारा होगा। शत्रुओं का संहार होगा एंव राजा की कीर्ति में वृद्धि होगी।
  • वर्ष कुण्डली में मुंथा अपनी राशि कन्या में होने से भारत की आर्थिक प्रगति होगी एंव विदेशी निवेश में भी वृद्धि होगी। विदेशों से ज्ञान-विज्ञान का आदान-प्रदान होगा।
  • भारत की नाम राशि धनु है, जो वर्ष कुण्डली में चतुर्थ भाव में स्थित है। धनु का स्वामी गुरू द्वादश भाव में चन्द्र के साथ बैठकर गजकेसरी योग का निर्माण कर रहा है। चतुर्थ भाव संसद का संकेतक भाव भी है, इसलिए कुछ नयें कानून पारित हो सकते है, जिन्हें लेकर संसद में विपक्ष बवाल मचायेंगे।
  • षष्ठे शनि अपने घोर विरोधी मंगल की राशि वृश्चिक में होकर पराक्रम भाव में बैठा है। विरोधी कूटनीतिक तौर पर परास्त होेंगे। शनि अन्याय के खिलाफ रहता है, इसलिए अन्याय और अत्याचारियों को सजा अवश्य मिलेगी।
  • पाकिस्तान और चीन की नाम राशियॉ क्रमशः कन्या और मेष है। वर्ष कुण्डली में पाकस्तिान की नाम राशि कन्या प्रथम भाव में है जिसमें बुध बैठा है। बुध वाणी व युवाओं का कारक होता है। पाकिस्तान लगातार वाक् युद्ध करता रहेगा और साथ में कशमीर के युवाओं को भड़ाकर कोई नया बवंडर खड़ा कर सकता है। अतः भारत चाहे जितना पाकिस्तान से दोस्ताना रूख अपनायें किन्तु पाकिस्तान अपनी दुष्ट हरकतों से बाज नहीं आयेगा और जैसे ही मौका मिलते ही दगाबाजी करने से नहीं चूकेगा। चीन की नाम राशि अष्टम भाव में है, इसलिए चीन भी राजनैतिक षडयन्त्र रचकर भारत को विश्व पटल पर नीचा दिखाने का प्रयास करता रहेगा।
  • सूर्य और मंगल अच्छी पोजीशन में है, जिस कारण विश्व पटल पर भारत की साख में वृद्धि होगी। ऐसे संकेत भी नजर आ रहें है कि वर्ष 2017 से 2018 के मध्य तक भारत संयुक्त राष्ट्रª संघ का स्थायी सदस्य बन जायेगा।
  • आतंकवाद के बादल भारत पर मॅडराते रहेंगे। अतः भारत को अपने खुपिया तन्त्र को काफी सक्रिय व सतर्क रखना होगा अन्यथा आतंकवाद के काले बादल बरसकर भयावह मंजर पैदा कर सकते है।
  • जनवरी 26 से शनि राशि परिवर्तन करके वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करेगा। धनु राशि का स्वामी गुरू है, जो राजनीति का कारक है। जिस कारण दक्षिण भारत के किसी बड़े नेता की मृत्यु के संकेत है। किसी पूर्व प्रधानमन्त्री की हानि भी हो सकती है। वर्ष के मध्य तक मॅहगाई में कमी आयेगी एंव विकास दर में वृद्धि होगी।
  • ग्रहाचार से इस वर्ष पूरे विश्व में गर्मी अधिक होगी। तापमान्य सामान्य से अधिक रहेगा। विश्व में इस वर्ष ऑधी, तृफान, चक्रवात व भूकम्प आदि का उपद्रव रहेगा। जनवरी में 7 तारीख को शुक्र ज्येष्ठा नक्षत्र में आने के बाद 09 तारीख को शनि से बहुत करीबी युति करेगा। इस समय उत्तर भारत में कड़ाके की ठण्ड पड़ेगी। धुन्ध, कोहरा, अचानक वर्षा और भयंकर हिमपात होगा। जुलाई-अगस्त मास महीने में पूरे विश्व में प्राकृतिक उपद्रव होंगे। तूफान-चक्रवात, भूकम्प, उपद्रवी बरसात सभी कुछ इस महीने में लगा रहेगा। पूर्वी भारत, पश्चिमी भारत एंव बंगाल की खाड़ी में वायु वेग, तूफान, समुद्र में ऊॅची-ऊॅची लहरों का उपद्रव हो सकता है।
  • पूर्वोत्तर भारत में अगस्त के शुरूआत में वर्षा व भू-स्खलन से हानि होगी। महीने के अन्त में महाराष्टं, कर्नाटक के तटीय प्रदेश में मौसम उपद्रव करेगा। जापान से लेकर चीन और पूर्वी एशिया में जुलाई और अगस्त में वर्षा, बाढ़, भूकम्प का प्रभाव रहेगा।
  • नोटबंदी से जनता को दिक्कतों का सामना तो करना पड़ा है किन्तु इसका सबसे ज्यादा असर छोटे व्यापारियों पर पड़ा है। वर्ष कुण्डली में व्यापार सहम धनु राशि में है जो चतुर्थ भाव में पड़ी है। गुरू लग्न में जिसकी दृष्टि सप्तम भाव पर पड़ रही है। सप्तम भाव परिवर्तन का द्योतक है। अतः 2017 के मध्य से नोटबंदी से हो रही समस्यायें दूर हो जायेगी और गाड़ी पटरी पर आ जायेगी। अर्थव्यस्था का कारक बुध वर्ष कुण्डली में उच्च का होकर गुरू के साथ स्थित है। राजनैतिक इच्छा शक्ति के कारण जल्द ही जीएसटी कानून देश में लागू हो जायेगा। जिसके दूरगामी परिणाम लाभप्रद होने से देश की अर्थव्यस्था से अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
  • वर्ष कुण्डली में एक्टिंग के संकेतक ग्रह राहु और शुक्र अच्छी स्थिति में नहीं है। शुक्र छठें भाव में केतु और मंगल के साथ बैठा है एंव राहु 12वें भाव पर कब्जा जामयें हुये है। अतः 2017 मार्च से पहले किसी बड़े कालाकार की हानि से बालीवुड में शोक रहने की आशंका है।
English summary
The prospect of a new year, a fresh start always comes along with an anticipation and excitement about how the coming year will unfurl, and 2017 is no exception. its good for india.
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