जानिए शुक्र पर्वत की विशेषता एवं इसका कार्य
लखनऊ। अंगूठे के मूल तथा जीवन रेखा के भीतर वाला हिस्सा शुक्र क्षेत्र या शुक्र-पर्वत कहलाता है। जब यह पर्वत अच्छी बनावट का हो किन्तु बड़ा न हो, तो यह प्रेम तथा साथी की इच्छा, सुन्दरता को हर रूप में पूजने की इच्छा तथा कलात्मक एवं भावात्मक प्रवृत्ति की ओर संकेत करता है। सभी कलाकारों, गायकों एवं संगीतज्ञयों के हाथों में यह क्षेत्र प्रमुखता प्राप्त किये होता है। शुक्र पर्वत जब ऊॅचा और बड़ा होता है तो सकारात्मक और छोटा चपटा होता है तो नकारात्मक कहा जाता है।
शुक्र पर्वत
जब पूरा हाथ सामान्य हो और शुक्र पर्वत अच्छे आकार का हो तो यह एक शुभ संकेत होता है, क्योंकि यह एक लिंग का दूसरे लिंग के प्रति आकर्षण या लगाव की ओर संकेत करता है। लेकिन यदि यह निकृष्ट एवं आसाधरण हाथ में हो, तो उन प्रवृत्तियों को अत्यधिक बढ़ा देता है। यदि जन्म के दिन के हिसाब से इस पर विचार किया जाए तो यह उन विशेषताओं पर भी प्रकाश डालता है, जो सामान्य रूप से ध्यान में नहीं आती है।जब व्यक्ति का जन्म 20 अप्रैल से 20 मई या अधिकतम 27 मई तक हुआ हो।
इस अवधि की मुख्य विशेष विशेषतायें निम्नानुसार होती हैं....
शासन करने की शक्ति
ऐसे लोगों में अन्य लोगों पर शासन करने की शक्ति होती है तथा ऐसे लोग अपने विचारों में बहुत अधिक रूढ़िवादी पाये जाते है, किन्तु एक विचित्र बात यह है कि जब वे प्रेम करते है तो अपने समर्पण भाव के कारण निम्न कोटि के प्रति दास बनकर रह जाते है। वे मेहमानबाजी करने वाले तथा दयालु होते है और अपने मित्रों के मनोरंजन से प्रेम करते है।वे बड़ी रूचि के साथ पोशाकों का चयन करते है तथा अपनी पसन्द एवं नापसन्द में अस्थिर होते है। जबकि स्वभाव से बड़े खुले मस्तिष्क के, मुॅहफट तथा जल्दबाज होते है। उनका गुस्सा एवं वासना जल्दी शान्त हो जाती है। बाद में जब अपनी गलती का अहसास होता है तो वे गैर परम्परागत जीवन व्यतीत करने लगते है। परिणामस्वरूप उनकी आलोचना भी होती है।
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शुक्र पर्वत का नकारात्मक पक्ष
इस पर्वत को नकारात्मक तब कहते है, जब व्यक्ति का जन्म 21 सितम्बर से 20 अक्टूबर या अधिकतम 27 अक्टूबर के बीच हुआ हो। किन्तु इस अवधि में जन्में लोगों का शुक्र क्षेत्र अधिक प्रभावी नहीं होता है। तथ्य यह है कि इन व्यक्तियों का प्रेम भी सकारात्मक श्रेणी जैसा उचित एवं तीव्र होता है किन्तु यह वासनात्मक होने के बजाय अध्यात्मिक बना रहता है। सारी मानसिक विशेषतायें व समस्यायें इन पर बहुत शक्तिशाली रूप में शासन करती है। ऐसे लोग निर्णय लेने में बहुत कमजोर होते है। 27 अक्टूबर के बाद की अवधि में जन्में लोगों में सहज अन्र्तज्ञान तथा सब प्रकार का ऐसा मानसिक-सन्तुलन होता है, जो अन्य श्रेणियों में देखने को नहीं मिलता। उनमें पूर्वकल्पना एवं मनोवैज्ञानिक अनुभव होता है, जिसे वे अपने विवेकीय ज्ञान से नष्ट कर देते है। वे अपने प्रेम सम्बन्ध में अक्सर अप्रसन्न बने रहते है। वे सकारात्मक शुक्र पर्वत वालों की भाॅति ‘ऐेसे ही नहीं जाने देते' अपने चिन्तन एवं विवेक के चक्कर में वे झिझकते और अवसर को खो बैठते है। वे अच्छे डाक्टर, जज अथवा वकील बन सकते है किन्तु वे किसी एक अध्ययन की शाखा में ही महारत हासिल करना चाहते है तथा सांसारिक लाभ कम प्राप्त करना चाहते है।
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