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Gorochan: आप भी पा सकते हैं गोरोचन के चमत्कारिक लाभ

By Pt Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। तांत्रिक ग्रंथों में अक्सर एक वस्तु का नाम कई जगह पढ़ने-सुनने को मिलता है। वह वस्तु है गोरोचन। क्या आप जानते हैं यह गोरोचन है क्या? और इसकी इतनी चर्चा क्यों होती है? यह किस काम आता है? आइए आज जानते हैं गोरोचन के बारे में। गोरोचन दरअसल एक ऐसी सिद्ध वस्तु है जिसका उपयोग अनेक कर्मों में किया जाता है। धन, संपत्ति, सुख, समृद्धि, जमीन में गड़े धन का पता लगाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा प्रयोग वशीकरण में किया जाता है। इसका तिलक करने से तीव्र वशीकरण और आकर्षण प्राप्त होता है।

क्या है गोरोचन

क्या है गोरोचन

गोरोचन पीले रंग का एक सुगंधित पदार्थ होता है जिसमें हल्की लालिमा होती है। यह मोम की तरह होता है और सूखने पर कड़ा हो जाता है। इसे गो पित्त भी कहा जाता है क्योंकि यह गाय के पित्त में बनने वाला एक पत्थर है, जिसे गाय की मृत्यु के बाद निकाला जाता है। गोराचन सभी गायों में नहीं पाया जाता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में ही यह गायों के पित्त में बनता है। जानकार लोग ही पता लगा सकते हैं कि यह किस गाय में बन रहा है। बाजार में यह पूजा-पाठ की सामग्री की दुकान पर मिल जाता है। लेकिन इसे हासिल करने के लिए गाय का वध करना सर्वथा वर्जित है।

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 कैसे करते हैं गोरोचन का उपयोग

कैसे करते हैं गोरोचन का उपयोग

गोरोचन को बाजार से लाकर सीधे प्रयोग नहीं किया जाता है। इसे सिद्ध करना होता है, तभी यह अपना असर दिखा पाता है। गोरोचन को रवि पुष्य नक्षत्र में सिद्ध किया जाता है। जिस रविवार को पुष्य नक्षत्र हो उस दिन नहाकर अपने पूजा स्थान में बैठकर सोना या चांदी की कटोरी, डिबिया या छोटे पात्र में गोराचन रखकर इसका पंचोपचार पूजन करें। इसके बाद दो मंत्रों का एक-एक माला जाप करना होता है। ये मंत्र हैं :

  • ऊं शांति शांत: सर्वारिष्टनाशिनि स्वाहा:
  • ऊं श्रीं श्रीयै नम:
  • इन दोनों मंत्रों की एक-एक माला जाप करने के बाद इसे चांदी की डिबिया में भरकर सुरक्षित रख लें।
     किन कार्यों में होता है प्रयोग

    किन कार्यों में होता है प्रयोग

    • गोरोचन के अनेक उपयोग हैं जिनमें से सबसे ज्यादा प्रचलित उपयोग वशीकरण का है। यदि आप अपने आकर्षण प्रभाव में वृद्धि करना चाहते हैं। आप चाहते हैं कि लोग आपसे प्रभावित रहें। आपकी बात सुनें। आप किसी स्त्री या पुरुष को अपने वशीभूत करना चाहते हैं तो गोरोचन के साथ सिंदूर और केसर को बराबर मात्रा में मिलाकर एक चांदी की डिबिया में भरकर रख लें। प्रतिदिन सूर्योदय के समय इसका तिलक करने से आपके वशीकरण प्रभाव में जबर्दस्त तरीके से वृद्धि होगी। हर व्यक्ति आपकी बात मानने लगेगा।
    • आर्थिक स्थिति सुधारने और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए गोरोचन को एक चांदी की डिबिया में भरकर अपने पूजा स्थान में रखें और रोज देवी-देवताओं की तरह इसकी भी पूजा करें। इससे घर में बरकत आने लगती है। घर में यदि कोई वास्तु दोष है तो वह दूर हो जाता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
    • घर में कोई सदस्य बीमार है तो रविवार या मंगलवार के दिन एक छोटा चम्मक गुलाब जल में थोड़ा सा गोरोचन मिलाकर उस व्यक्ति को पिला दें। गोरोचन का तिलक प्रतिदिन बीमार व्यक्ति को लगाएं तो जल्द ही वह स्वस्थ होने लगेगा।
    • मिर्गी या हिस्टीरिया के मरीज को गुलाबजल में थोड़ा गोराचन घिसकर तीन दिन तक पिलाने से रोग में आराम मिलता है। लेकिन यह प्रयोग किसी जानकार की देखरेख में ही करें।
    • समस्त कामनाओं की पूर्ति के लिए गोरोचन को रवि पुष्य नक्षत्र में पंचोपचार पूजन कर चांदी या तांबे के ताबीज में भरकर अपने गले में धारण कर लें। इससे कार्यों में आने वाली बाधाएं समाप्त होंगी और सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
    • गोरोचन की स्याही बनाकर इससे भोजपत्र पर मोरपंख की कलम से सिद्ध बीसा यंत्र लिखकर पंचोपचार पूजन करके चांदी के ताबीज में बांधकर अपने पास रखें। इससे आर्थिक संकट दूर हो जाता है।
    • कुछ तांत्रिक लोग गोरोचन का प्रयोग जमीन में गड़ा धन पता करने के लिए भी करते हैं। इसके लिए अमावस्या की रात्रि में निर्जन स्थान पर गोरोचन को विशेष साधना के जरिए सिद्ध किया जाता है। फिर विशेष पद्धति से इसका काजल बनाया जाता है। जो व्यक्ति उस काजल को अपनी आंख में लगाता है उसमें जमीन में दबा धन पता करने की शक्ति आ जाती है।
    • केले में गोरोचन मिलाकर लेप बनाएं और इसे मस्तक पर लगाने से आकर्षण शक्ति प्राप्त होती है।

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English summary
Gorochana acts as an antidote to poisons, promotes clear thoughts, and alleviates fevers and contagious diseases.
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