जानिए... क्या कहते हैं आपके नाखूनों पर बने निशान
नई दिल्ली। हस्तरेखा शास्त्र में हथेली की लकीरों के अलावा नाखूनों की प्रकृति और आकार-प्रकार का भी बड़ा महत्व है। नाखून भी प्रत्येक व्यक्ति के अलग-अलग आकार के होते हैं और उन पर कोई न कोई चिन्ह होता है। ये चिन्ह भविष्य सूचक तो होते ही हैं, इनसे व्यक्ति का स्वभाव भी पता लगता है। आइए जानते हैं... क्या कहते हैं आपके नाखूनों पर बने निशान।
ऐसा हुआ तो आ सकता है संकट
1.
काले
धब्बे:
जिस
जातक
की
अंगुलियों
के
नाखूनों
पर
काले
धब्बे
उभर
आते
हैं
उन्हें
सावधान
रहना
चाहिए
क्योंकि
यह
उन
पर
किसी
संकट
के
आने
की
सूचना
है।
नाखूनों
पर
काले
धब्बे
हमेशा
नहीं
रहते।
ये
आते-जाते
रहते
हैं
इसलिए
जब
धब्बे
आए
तो
सतर्क
रहें।
नाखूनों
के
काले
धब्बे
किसी
बड़ी
बीमारी
का
सूचक
भी
हैं।
2.
सफेद
धब्बे:
नाखूनों
पर
सफेद
धब्बे
भी
ठीक
नहीं
माने
जाते
हैं।
ये
भी
रोग
सूचक
होते
हैं।
इससे
पता
चलता
है
कि
व्यक्ति
के
शरीर
में
रक्त
संचरण
ठीक
से
नहीं
हो
रहा
है
और
वह
शीघ्र
ही
किसी
रक्त
संबंधी
बीमारी
से
ग्रसित
होने
वाला
है
या
हो
गया
है।
क्या कहता है नाखूनों की जड़ों का अर्द्धचंद्र
-नाखूनों
की
जड़ों
में
बना
अर्द्धचंद्र:
कई
लोगों
के
हाथ
के
नाखूनों
की
जड़ों
में
सफेद
रंग
का
अर्द्धचंद्र
दिखाई
देने
लगता
है।
इसके
अलग-अलग
मायने
होते
हैं।
इस
तरह
के
अर्द्धचंद्र
को
प्रगति
सूचक
माना
गया
है।
-
तर्जनी
अंगुली
के
नाखून
में
अर्द्धचंद्र
बना
हुआ
हो
तो
ऐसे
व्यक्ति
को
शीघ्र
ही
नौकरी
में
तरक्की
या
उससे
जुड़ा
कोई
शुभ
समाचार
मिलने
वाला
होता
है।
-
मध्यमा
अंगुली
के
नाखून
पर
अर्द्धचंद्र
बना
हुआ
हो
तो
व्यक्ति
को
इंजीनियरिंग,
वाहन,
मशीनरी
आदि
के
क्षेत्र
में
शीघ्र
सफलता
मिलने
वाली
होती
है।
ऐसे
जातक
को
आकस्मिक
धन
की
प्राप्ति
भी
होती
है।
ऐसा हुआ तो व्यापारिक कार्यों में होगा लाभ
-
अनामिका
अंगुली
के
नाखून
पर
बना
अर्द्धचंद्र
जातक
को
पारिवारिक
और
सामाजिक
जीवन
में
पद,
प्रतिष्ठा,
सम्मान
प्राप्त
होने
का
सूचक
है।
ऐसे
व्यक्ति
का
समाज
में
आदर
बढ़ता
है।
-
कनिष्ठिका
अंगुली
के
नाखून
पर
अर्द्धचंद्र
बने
तो
जातक
को
व्यापारिक
कार्यों
में
लाभ
होता
है।
-
अंगूठे
के
नाखून
पर
अर्द्धचंद्र
बने
तो
जातक
को
समस्त
प्रकार
के
शुभ
कार्यों
की
प्राप्ति
होती
है।
ऐसे
जातक
को
भौतिक
सुख
सुविधाएं,
प्रेम
प्रसंग
प्राप्त
होते
हैं।
-
ध्यान
रहे
उपरोक्त
फल
तभी
है
जब
अर्द्धचंद्र
छोटे
आकार
का
हो।
बड़ा
अर्द्धचंद्र
हो
और
वह
आधे
नाखून
को
घेर
ले
तो
इसका
फल
उल्टा
समझना
चाहिए।