Palmistry: गहरे राज का सूचक है एक के अंदर एक तीन त्रिभुज
नई दिल्ली। हस्तरेखा शास्त्र में हथेली में ऐसे अनेक रहस्यमयी चिन्हों का वर्णन मिलता है, जो कुछ गहरे राज की ओर इशारा करते हैं। ऐसा ही एक चिन्ह है तीन त्रिभुज का चिन्ह। ये चिन्ह साधारण त्रिभुज नहीं है, बल्कि एक के अंदर एक तीन त्रिभुज होते हैं। यह चिन्ह दुर्लभ श्रेणी का है और प्रत्येक 10 लाख लोगों में से किसी एक में पाया जाता है। आइए जानते हैं क्या है इसका अर्थ-हथेली में यदि कहीं पर भी तीन तरफ से आकर रेखाएं आपस में मिलती हों तो त्रिभुज का निर्माण होता है। ऐसे तीन त्रिभुज होते हैं जो एक के अंदर एक होते हैं। यानी सबसे बड़े त्रिभुज के भीतर दो छोटे त्रिभुज।

तीन त्रिभुज की आकृति
- हथेली के मध्य भाग में तीन त्रिभुज की आकृत जातक के भाग्यशाली होने की सूचक है। ऐसा व्यक्ति अतुलनीय धन संपत्ति का मालिक होता है और वह राजा के समान जीवन व्यतीत करता है।
- तीन त्रिभुज की आकृति व्यक्ति को किसी देश का राजा, उच्चाधिकारी, सफल नेता बनाता है।
- तीन त्रिभुज में से यदि सबसे भीतरी त्रिभुज टूटा हुआ हो तो जातक की हत्या हो जाती है।
- तीन त्रिभुज में से सबसे बाहरी त्रिभुज की एक शाखा से कोई रेखा निकलकर शुक्र पर्वत की ओर आती हो तो जातक हिंसक यौन अपराधी होता है और अपनी हरकतों के कारण जेल की सजा भुगतनी पड़ती है।
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तीन त्रिभुज का अर्थ
- तीन त्रिभुज में से मध्य का त्रिभुज यदि टूटा हुआ हो तो जातक जुएं में अपनी संचित संपत्ति का नाश कर बैठता है।
- सूर्य पर्वत पर तीन त्रिभुज हो तो जातक सरकारी नौकरी में उच्चपद हासिल करता है और खूब संपत्ति अर्जित करता है।
- सूर्य पर्वत पर बने तीन त्रिभुज को बीच में से भेदती हुई कोई रेखा आरपार निकल जाए तो ऐसा जातक रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार होता है।
- गुरु पर्वत पर तीन त्रिभुज के ठीक मध्य में तिल हो तो जातक को भारी सामाजिक अपमान का सामना करना पड़ता है।

ऐसे लोग होते हैं महाभाग्यशाली
- शनि पर्वत पर तीन त्रिभुज हो और उसे कोई रेखा काट रही हो तो जातक अपराधी, धूर्त, आर्थिक अपराधों में फंसता है।
- तीन त्रिभुज की एक रेखा यदि भाग्य रेखा हो तो जातक महाभाग्यशाली होता है।
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