आज से शुक्र होगा वक्री, जानिए क्या होगा असर
नई दिल्ली। शुक्र ग्रह भोग विलास के साथ दांपत्य सुख का प्रतिनिधि ग्रह है। यह ग्रह आज दोपहर 12.17 बजे वक्री हो रहा है। शुक्र अपनी ही राशि वृषभ में 25 जून तक वक्री रहेगा। यानी 44 दिन शुक्र का वक्रत्व काल रहेगा। शुक्र के वक्री होने के कारण इसके शुभ प्रभावों में कमी आती है। व्यक्ति के भोग विलास के साधन-संसाधनों में कमी आती है और दांपत्य जीवन में तकरार, परेशानी बढ़ती है। जिन लोगों का दांपत्य जीवन पहले से संकट में है, उनके तलाक तक की नौबत आ सकती है।
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वक्री शुक्र का असर
शुक्र के वक्री होने से व्यक्ति परिवार के साथ अलगाव करने लगता है। वह परिजनों से खासकर जीवनसाथी के साथ सामंजस्य नहीं बना पाता। वैवाहिक जीवन में छोटी-छोटी बातों पर मतभेद उभरते हैं और व्यक्ति इतना अधिक परेशान हो जाता है कि वह विवाह विच्छेद तक करने की सोचने लगता है। जिन लोगों की जन्म कुंडली में शुक्र जन्म के समय से ही वक्री है उनका दांपत्य जीवन निश्चित रूप से संकटग्रस्त रहता है। ऐसे व्यक्ति को यौन संबंध बनाने में अरुचि होने लगती है। जो लोग प्रेम संबंधों में हैं, उनका प्रेम संबंध भी टूट सकता है। या प्रेमी-प्रेमिकाओं के बीच किसी तीसरे के आने से संबंधों में दूरी आ जाती है। भोग विलास के साधन, भौतिक सुखों में कमी आती है। इस प्रकार कहा जा सकता है शुक्र की वक्री स्थिति व्यक्ति के जीवन में खुशियों की कमी करती है।
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शुक्र के बारे में
शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशियों का स्वामी होता है। यह मीन राशि में उच्च का और कन्या राशि में नीच का होता है। जब यह ग्रह वक्री होता है तो मीन राशि वालों को सकारात्मक और कन्या राशि वालों को नकारात्मक प्रभाव देता है। लेकिन शुक्र जब अन्य राशियों में भ्रमण करता है तो उसका इस राशि वालों लोगों के लिए फल अलग होता है। चूंकि वर्तमान में शुक्र अपनी ही राशि वृषभ में चल रहा है और इसी में वक्री हो रहा है तो वृषभ राशि वालों पर सबसे ज्यादा प्रभाव वक्रत्व का होने वाला है।
वक्री शुक्र के दुष्प्रभाव कैसे दूर करें
- शुक्र की शांति के उपाय करने से वैवाहिक सुख पर आया संकट टल जाता है।
- शुक्र की वक्री स्थिति में जातक को अपनी प्रवृत्ति सात्विक रखना है। आहार-विहार-विचार की शुद्धता आवश्यक है।
- शुक्र के मंत्र ऊं शुं शुक्राय नम: या शुक्र के तांत्रिक मंत्र ऊं द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: की एक माला जाप नियमित करें। जाप स्फटिक की माला से करें।
- चांदी, सफेद वस्त्र, चावल, दूध, दही, पनीर का दान करें।
- शुक्रवार के दिन नहाने के पानी में गाय का दूध डालकर स्नान करें।
- शुक्रवार को सफेद गाय को आटा खिलाएं।
- श्रृंगार की वस्तुए कन्या को दान देने से दांपत्य जीवन में शांति रहती है।
- श्री सूक्त का नियमित पाठ करें।
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