शुक्र अस्त : दांपत्य सुख और विलासिता के साधनों में आएगी कमी
नई दिल्ली। वैदिक ज्योतिष में शुक्र को विलासिता के साधनों, लग्जरी लाइफ, दांपत्य सुख, प्रेम प्रसंगों का कारक ग्रह माना जाता है। यह ग्रह 13 मई से वक्री चल रहा है और अब 31 मई को पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएगा। एक तो वक्री होने के कारण पहले से ही पति-पत्नी के संबंधों, प्रेम संबंधों में टकराहट की स्थिति चल रही है, वहीं अब अस्त हो जाने से इसका पूरा प्रभाव शून्य हो जाएगा। जिसका असर यह होगा कि अनेक लोगों से विलासिता के साधन छिन जाएंगे। उन्हें बेहद सामान्य जीवन व्यतीत करना पड़ेगा।
शुक्र का असर निजी संबंधों पर पड़ता है
जो संसाधन हैं उन्हीं में गुजारा करना पड़ेगा। यहां तक कि वक्री और अस्त शुक्र का असर निजी संबंधों पर जबर्दस्त तरीके से पड़ने वाला है। शुक्र का प्रभाव समाप्त हो जाने से लोगों के दिलों में रिश्तों की कोई अहमियत नहीं रह जाएगी। सभी लोग एक-दूसरे से दूरियां बनाना ही बेहतर समझेंगे। शुक्र 9 जून 2020 को पूर्व दिशा में उदित होंगे और 25 जून को मार्गी होंगे। उसके बाद ही रिश्तों में फिर से गर्माहट आना शुरू होगी।
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अस्त शुक्र का फल
कोई भी ग्रह अपने पथ पर भ्रमण करते हुए यदि सूर्य के अत्यंत नजदीक आ जाता है तो वह अस्त हो जाता है। गोचर करते हुए जब सूर्य और शुक्र के मध्य 10 अंश का अंतर रह जाता है तो शुक्र अस्त हो जाता है। अर्थात आकाश मंडल में शुक्र दिखाई देना बंद हो जाता है। इसे शुक्र का अस्त होना, शुक्र का तारा डूबना या शुक्र का लोप हो जाना भी कहते हैं। जब शुक्र अस्त हो जाता है तो उसका प्रभाव मिलना अत्यंत कम या पूरी तरह बंद हो जाता है। लोगों के व्यवहार में रूखापन आ जाता है और निजी संबंध खटाई में पड़ जाते हैं। खासकर भौतिक सुख सुविधाओं और दांपत्य जीवन के लिए शुक्र का शुभ स्थिति में होना अत्यंत आवश्यक है। शुक्र अस्त होने की स्थिति में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है, खासकर विवाह, गृह प्रवेश आदि नहीं होते हैं।
शुक्र के अस्त-उदय होने का समय 2020
शुक्र के अस्त होने से तीन दिन पहले वार्धक्य दोष होता है और उदय होने के तीन दिन बाद तक बाल्यत्व दोष होता है। इसलिए शुक्र अस्त होने के तीन दिन पहले से लेकर उदय होने के तीन दिन बाद तक भी कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
- शुक्र का वार्धक्य : 28 मई से 30 मई तक
- शुक्र अस्त होगा : 31 मई को
- शुक्र उदय होगा : 9 जून को
- शुक्र का बाल्यत्व : 10 जून से 12 जून तक
- शुक्र मार्गी होगा 25 जून को
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