अनैतिक संबंधों का राजफाश करती है हथेली में बनी शुक्र मुद्रा
नई दिल्ली। हस्तरेखा विज्ञान में मनुष्य की हथेली में उभरी रेखाएं, चिन्हों के आधार पर उसके भविष्य के बारे में बताया जाता है। रेखाओं के अलावा हथेली में अलग-अलग ग्रहों की मुद्राएं भी बनी होती हैं। मुद्राएं दरअसल रेखाएं ही होती हैं लेकिन ये वलयाकार होती हुई किसी एक या दो-तीन पर्वतों को घेरती हैं। इसलिए इन्हें वलय भी कहा जाता है। जीवन में भोग विलास, ऐशो-आराम, सुख-समृद्धि देने वाला ग्रह है शुक्र। इसी शुक्र की मुद्रा या शुक्र का वलय यदि किसी जातक की हथेली में बना हुआ है तो उसे ठीक नहीं माना जाता है। ऐसे जातक के जीवन में कोई न कोई परेशानी बनी ही रहती है। आइए जानते हैं शुक्र मुद्रा का जातक के जीवन पर क्या प्रभाव होता है।
क्या होती है शुक्र मुद्रा
हथेली में जब कोई रेखा तर्जनी और मध्यमा अंगुली से निकलकर शनि और सूर्य पर्वतों को घेरती हुई अनामिता और कनिष्ठिका अंगुली के बीच समाप्त होती है तो ऐसी मुद्रा शुक्र मुद्रा या शुक्र वलय कहलाती है। जिनके हाथों में शुक्र मुद्रा होती है वे जीवनभर कमजोर और परेशान रहते हैं। वे स्नायु संबंधी रोगों से पीडि़त रहते हैं।
शुक्र मुद्रा का असर
- यदि शुक्र मुद्रा ज्यादा चौड़ी हो तो ऐसा व्यक्ति अपनी पैतृक संपत्ति को नष्ट कर देता है। ऐसा जातक पराई स्त्रियों पर नजर रखता है और इसी कारण इसे जीवन में कई बार बदनामी का सामना करना पड़ता है।
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शुक्र
मुद्रा
की
रेखा
पतली
और
स्पष्ट
हो
तो
ऐसा
जातक
समझदार
एवं
परिस्थितियों
के
अनुसार
खुद
को
ढालने
वाला
होता
है।
हालांकि
इसे
अच्छे
कार्य
के
बदले
हमेशा
अपयश
ही
मिलता
है।
-
यदि
किसी
जातक
के
हाथ
में
एक
से
अधिक
शुक्र
मुद्रा
हो
तो
वह
व्यक्ति
कई
स्त्रियों
के
साथ
शारीरिक
संबंध
बनाता
है।
यदि
किसी
स्त्री
के
हाथ
में
एक
से
अधिक
शुक्र
मुद्रा
हो
तो
वह
अनेक
पुरुषों
से
संबंध
बनाती
है।
-
शुक्र
मुद्रा
बीच-बीच
में
टूटी
हुई
हो
तो
जातक
के
संबंध
निम्न
जाति
की
स्त्रियों
से
होते
हैं।
ऐसा
व्यक्ति
अपने
इन्हीं
दुष्कर्मों
के
कारण
अपमानजनक
परिस्थितियों
का
सामना
करता
है।
विवाह रेखा को काट सकती है शुक्र मुद्रा
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शुक्र
मुद्रा
से
कोई
रेखा
निकलकर
विवाह
रेखा
को
काटती
हो
तो
जातक
को
जीवन
में
वैवाहिक
सुख
नहीं
मिल
पाता
या
मिलता
भी
है
तो
बहुत
कम।
कई
मामलों
में
ऐसा
व्यक्ति
अविवाहित
रहता
है।
-
शुक्र
मुद्रा
से
कोई
रेखा
निकलकर
भाग्य
रेखा
को
काटती
हो
तो
व्यक्ति
की
किस्मत
कभी
उसका
साथ
नहीं
देती।
छोटे-छोटे
सुखों
को
प्राप्त
करने
के
लिए
उसे
कड़े
संघर्ष
करना
पड़ते
हैं।
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जिस
जातक
के
हाथ
में
शुक्र
मुद्रा
स्पष्ट
और
गहरी
हो
तथा
उसका
चंद्र
पर्वत
भी
मजबूत
हो
तो
जातक
सेक्स
संबंधी
साहित्य
लिखने
में
माहिर
होता
है।
-
यदि
सूर्य
रेखा
बढ़कर
शुक्रवलय
को
काटती
हो
तो
वह
व्यक्ति
धूर्त
किस्म
का
होता
है।
वह
धन
के
लालच
में
स्त्रियों
को
धोखा
देता
है।
ऐसा
व्यक्ति
पुरुषों
को
भी
नहीं
छोड़ता।