घर की दिशाओं में वास्तु दोष हो तो क्या करना चाहिए?
लखनऊ। आज के दौर में जब भूमि की कमी है किन्तु आबादी नित नये आंकड़े छू रही है। ऐसी परिस्थितियों में सम्भव नहीं है कि आप वास्तुशास्त्र के अनुसार भवन का निर्माण करा सके और फलैटों में तो कतई सम्भव नहीं है। हां इतना जरूर हो सकता है कि वास्तुशास्त्र के कुछ नियमों का पालन करके आप-अपने घर को प्रकाश व हवादार बना सकते है। क्योंकि जिस भवन में प्रकाश व हवा अच्छी मात्रा में नहीं आती है, वहां पर हर धर्म, कर्म, उपाय आदि व्यर्थ साबित होते है।
खैर आईये हम आपको बताते है कि घर की दिशाओं में वास्तु दोष हो तो क्या करे उपाय....
पूर्व दिशा में दोष
यदि भवन की पूर्व दिशा में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष है तो राज्य से सम्बन्धित परेशानी होगी। वह व्यक्ति राज्य भय के कारण मानसिक पीड़ा का अनुभव करता है। सन्तान की समस्या से ग्रस्त, आर्थिक तंगी, अनावश्यक व्यय, लम्बी बीमारी, अग्नि भय, अदालतों के चक्कर आदि लगाने पड़ते है।
उपाय-इस दोष को दूर करने के लिए घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक टीवी का एंटीना लगवायें एवं पूर्व के दरवाजे पर तोरण लगायें।
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अग्नि कोण दिशा में दोष
अगर घर के अग्नि कोण में वास्तु दोष है तो पुत्र सन्तान में कमी, व्यय की अधिकता, घर में निवास करने लोगों में चारित्रिक दोष, मधुमेह की बीमारी, सन्तान कष्ट व कहीं-कहीं चोरी होती है। महिलाओं को सदैव कोई न कोई रोग बना रहता है व घर में बेवजह की कलह बनी रहती है।
उपाय-घर के पूर्व-दक्षिण दिशा में एक लाल बल्ब लगायें।
दक्षिण दिशा में दोष
मकान के दक्षिण दिशा में वास्तु दोष होने पर व्यक्ति मकान व राजकीय मुकद्मों में उलझा रहता है। व्यापार व नौकरी में भी प्रगति ठीक से नहीं होती है। परिवार में भाईयों के कारण विवाद, कलह, शोक, मानहानि होती है।
उपाय- यदि दक्षिण दीवार भारी न हो व उत्तर-पूर्व दीवारें उॅची है तो दक्षिण या पश्चिम की दीवार में लोहे की छड़ लगा दें एवं मुख्यद्वार पर मंगल यन्त्र स्थापति करने से वास्तु दोष में कमी आती है।
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