Vastu Shastra: सावधानी से चुनें घर का फर्श
नई दिल्ली। वास्तुशास्त्र पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी के आधार पर काम करता है। यह दोनों तरह की एनर्जी मकान बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री और घर के अंदर रखी प्रत्येक वस्तु में होती है। किसी में पॉजिटिव एनर्जी ज्यादा होती है तो किसी में नेगेटिव। यदि हम घर में ऐसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं जिनमें पॉजिटिव एनर्जी ज्यादा है तो उसमें रहने वाले लोग सुखी होंगे। यदि नेगेटिव एनर्जी वाली वस्तुएं ज्यादा हैं तो घर में वाद-विवाद, आर्थिक तंगी, रोग आदि लगे रहते हैं। आज हम बात करते हैं घर में लगे फर्श के रंग की।
वास्तुशास्त्र
घर की दीवारों, पर्दों, सोफे आदि के रंगों के चुनाव की तरह फर्श के रंग का चुनाव भी सावधानीपूर्वक और वास्तु नियमों के आधार पर करना चाहिए। फर्श में कौन-सा और किस रंग का पत्थर इस्तेमाल किया जा रहा है यह देखना जरूरी है क्योंकि फर्श स्थायी होता है। इसमें बार-बार बदलाव करना संभव भी नहीं होता।
आइए जानते हैं आठों दिशाओं में बने कमरों में किस रंग का फर्श लगवाना चाहिए....
घर की उत्तर दिशा बेहद महत्वपूर्ण होती है
- आपके घर की उत्तर दिशा बेहद महत्वपूर्ण होती है। इस दिशा के सही होने से घर में खुशहाली आती है। यह दिशा दोषपूर्ण हो तो कोई न कोई दिक्कत बनी रहती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर दिशा में कुबेर और लक्ष्मी का वास होता है। इस दिशा में गहरे काले रंग का पत्थर फर्श पर लगवाना शुभ रहता है। यह घर के सदस्यों को खुशहाली के साथ-साथ आय के नए स्रोत भी प्रदान करता है।
- घर की उत्तर-पूर्व दिशा में भगवान शिव का वास होता है। शिवजी को आसमानी और नीला रंग बेहद पसंद है। इसलिए शिव पूजा में आसमानी रंगों का प्रयोग किया जाना शुभ माना गया है। इसलिए वास्तु शास्त्र भी इस दिशा में गहरे नीले या आसमानी रंग के फर्श लगाने की सलाह देता है।
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दक्षिण-पूर्व दिशा भी काफी महत्वपूर्ण है
- घर की पूर्व दिशा यदि ठीक हो तो घर के मुखिया पर भगवान इंद्र की कृपा रहती है। यह दिशा भगवान सूर्य की भी होती है। इस दिशा के सही होने से समाज में मान-सम्मान बना रहता है। वास्तु के अनुसार इस दिशा का फर्श गहरे हरे रंग का होना चाहिए।
- घर की दक्षिण-पूर्व दिशा भी अन्य सभी दिशाओं की तरह ही एक महत्वपूर्ण दिशा मानी गई है। इसे सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा की दिशा माना गया है। इस दिशा में बने कमरे में बैंगनी रंग का फर्श लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- दक्षिण दिशा को वास्तु में नर्क की दिशा मानी गई है। यह अग्नि की दिशा है और यम देव का निवास स्थान है। इसलिए इस दिशा के कमरों में ऐसे ही रंगों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जो इस दिशा के अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करते हों। यानी इस दिशा में गहरे लाल रंग, नारंगी रंग का फर्श लगवाना चाहिए।
- दक्षिण दिशा के प्रभाव से ठीक विपरीत है दक्षिण-पश्चिम दिशा का स्वभाव। इस दिशा में हल्के रंगों का इस्तेमाल करना ठीक होता है। यहां हल्के गुलाबी रंग का फर्श सही होता है।
- घर की उत्तर और पश्चिम दोनों दिशाओं में लक्ष्मी का निवास होता है। इसलिए इन दो दिशाओं का दोष मुक्त होना जरूरी है। इस दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। मां लक्ष्मी को प्रसन्न् रखने के लिए घर की पश्चिम दिशा में सफेद रंग का फर्श होना चाहिए। इस फर्श के पत्थर पर अधिक आकृतियां या डिजाइन भी नहीं होना चाहिए।
- घर की उत्तर-पश्चिम दिशा को वायु की दिशा माना गया है। इसलिए इस दिशा की दीवारों, पर्दों और यहां तक कि फर्श पर भी ग्रे रंग होना चाहिए। यह रंग इस दिशा के लिए सबसे शुभ माना गया है।
उत्तर और पश्चिम दोनों दिशाओं में लक्ष्मी का निवास होता है
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