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Palmistry: हाथों की लकीरें बता सकती है विदेश जाने के योग हैं या नहीं

By Pt. Gajnedra Sharma
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नई दिल्ली।अधिकांश लोगों का सपना होता है कि वे विदेश यात्रा करें। विदेशों में घूमें-फिरे और मौज मस्ती करें, लेकिन कई लोगों का सपना केवल एक सपना ही बनकर रह जाता है, वे विदेश तो क्या अपना देश ही पूरा नहीं घूम पाते। कई लोगों को बिजनेस के सिलसिले में या युवाओं को पढ़ाई के उद्देश्य से विदेश जाने की जरूरत होती है, लेकिन वे जा नहीं पाते। या विदेश पहुंच भी जाते हैं तो वह उनके लिए फलीभूत नहीं होता, वे वहां जाकर भी कई तरह की परेशानियों से घिरे रहते हैं। जातक की जन्म कुंडली की तरह ही हस्तरेखा में भी विदेश यात्रा के योग देखे जा सकते हैं।

आइये जानते हैं हस्तरेखा में विदेश यात्रा के योग कैसे बनते हैं...

विदेश यात्रा

विदेश यात्रा

विदेश यात्रा के कारक ग्रह चंद्र, शुक्र और राहु माने गए हैं। हस्तरेखा में विदेश यात्रा का योग चंद्र पर्वत, चंद्र रेखा, भाग्य रेखा और जीवन रेखा को देखकर बताया जाता है। हथेली में चंद्र पर्वत कनिष्ठिका यानी सबसे छोटी अंगुली के नीचे बुध पर्वत के बाद से लेकर मणिबंध तक का क्षेत्र होता है। इस पर मौजूद खड़ी रेखाएं चंद्र रेखाएं होती हैं।

इस तरह बनते हैं योग

इस तरह बनते हैं योग

  • चंद्र पर्वत उन्नत, लालिमा लिए हुए, चिकना, कोमल और रेखाओं के जाल युक्त स्पष्ट सुंदर हो तथा इस पर एक स्पष्ट गहरी लाल रेखा हो तथा साथ में भाग्य रेखा भी बिना कटी-फटी हो तो व्यक्ति निश्चित रूप से विदेश यात्राएं करता है।
  • चंद्र पर्वत के ठीक मध्य में वर्ग का चिन्ह हो और भाग्य के उद्गम स्थल पर मछली के आकार का चिन्ह हो तो व्यक्ति समुद्र पारीय देशों की यात्रा करता है।
  • जिस व्यक्ति की भाग्य रेखा स्पष्ट, लालिमा लिए हुए हो और अपने अंतिम स्थान पर गुरु पर्वत की ओर झुक जाए वह व्यक्ति विदेशी व्यापार से धन अर्जित करता है।
  • चंद्र पर्वत से आकर एक रेखा मिलती है

    चंद्र पर्वत से आकर एक रेखा मिलती है

    • भाग्य रेखा जिस स्थान पर जीवन रेखा से मिलती हो और ठीक उसी स्थान पर चंद्र पर्वत से आकर एक रेखा मिलती हो तो व्यक्ति का अधिकांश समय विदेश में व्यतीत होता है।
    • चंद्र पर्वत पर मछली के आकार का चिन्ह हो तो जातक शिक्षा के क्षेत्र में विदेशों में विशेष सफलता हासिल करता है।
    • चंद्र पर्वत पर स्वस्तिक का चिन्ह हो तो व्यक्ति न केवल अपने देश, बल्कि विदेशों में भी बड़ा पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करता है।
    • जीवन रेखा, भाग्य रेखा स्पष्ट हो और इन पर नक्षत्र, त्रिभुज, जाल आदि चिन्ह न हो और चंद्र पर्वत उन्नत हो तो व्यक्ति जीवन में कई बार हवाई और समुद्री यात्राएं करता है।
    • चंद्र पर्वत से अनेक रेखाएं निकलकर उपर की ओर बढ़ रही हों तथा उनमें से कोई एक रेखा सूर्य रेखा से जाकर मिले तो ऐसा जातक विदेशों में किसी बड़े सरकारी पद पर प्रतिष्ठित होता है।
    • चंद्र रेखा यदि बुध रेखा से जाकर मिले तो व्यक्ति विदेश में बड़ा बिजनेस जमाता है।
    • चंद्र रेखा से चलकर कोई रेखा गुरु पर्वत तक पहुंचे तो व्यक्ति का विवाह विदेश में होता है।
    • विदेश यात्रा के योग बनाने के लिए उपाय

      विदेश यात्रा के योग बनाने के लिए उपाय

      यदि आप भी विदेश जाने की ख्वाहिश रखते हैं और कोई योग नहीं बन पा रहा है तो सबसे पहले आपको चंद्र को प्रसन्न करने के उपाय करना होंगे। इसके लिए प्रतिदिन चांदी के गिलास से पानी पीयें। मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं। चंद्र से संबंधित चीजों दूध, दही का दान करें। गरीबों को चावल का दान दें। चांदी का कोई आभूषण धारण करके रखें।

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English summary
Travel lines are said to represent the opportunities of travelling or living abroad permanently because of studying, working abroad, or settling down and emigrating abroad because of marriage.
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