इन्हें लग गया पैर तो होगा धन का नाश, बनेंगे पाप के भागीदार
नई दिल्ली। हिंदू धर्म और इससे जुड़े समस्त ग्रंथों का वैज्ञानिक आधार है। हमारे प्राचीन ऋषि मुनियों ने वर्षों की साधना और तपस्या के बाद मानव जीवन को सुखी और समृद्धिशाली बनाने के लिए कई नियम प्रतिपादित किए हैं। उन नियमों का पालन करके व्यक्ति अपने घर में अपने परिवार सहित सुखी और निरोगी रह सकता है, लेकिन उन नियमों की अनदेखी की गई तो कई मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी ही एक बात स्पर्श से जुड़ी हुई है। कुछ वस्तुएं और प्राणियों को कभी अपने पैरों से स्पर्श नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही सामान्य नियम जिनके बारे में कई लोग जानते हैं लेकिन उनका पालन नहीं करते हैं।
कन्याएं और ब्राह्मण
-
कन्याएं
:
हिंदू
धर्म
में
छोटी
बालिकाओं,
कन्याओं
को
देवी
का
स्वरूप
माना
जाता
है।
कन्याओं
में
नौ
देवियों
का
वास
माना
गया
है।
इसलिए
कभी
कन्याओं
को
न
तो
अपने
पैरों
से
छूना
चाहिए
और
ना
ही
उनसे
अपने
चरण
स्पर्श
करवाना
चाहिए।
ऐसा
करने
से
पाप
लगता
है
और
जीवन
नर्कमय
हो
जाता
है।
-
ब्राह्मण
:
ब्राह्मणों
को
परम
पद
प्राप्त
है।
ब्राह्मणों
के
पूजन
का
विधान
है।
इसलिए
कभी
भी
किसी
योग्य,
तपोनिष्ठ,
ब्रह्मनिष्ठ,
वेदपाठी
ब्राह्मण
का
तिरस्कार,
अपमान
और
उन्हें
पैरों
से
स्पर्श
ना
करें
और
ना
ही
किसी
ब्राह्मण
से
अपने
चरण
स्पर्श
करवाएं।
ब्राह्मणों
से
चरण
स्पर्श
करवाने
और
उन्हें
अपने
पैरों
से
ठोकर
मारने
वाले
का
यह
जन्म
और
अगले
सभी
जन्म
भारी
संकटों
में
गुजरते
हैं।
गुरु और बुजुर्ग
-
गुरु
और
बुजुर्ग
:
गुरु
का
पद
देवताओं
से
ऊपर
बताया
गया
है
और
बुजुर्ग
साक्षात
देव
समान
होते
हैं।
इनको
कभी
भी
लात
ना
मारें
या
अपने
पैरों
से
इन्हें
स्पर्श
ना
करें।
इन
लोगों
से
अपने
चरण
स्पर्श
भी
ना
करवाएं।
गुरु
और
बुजुर्गों
का
अपमान
करने
वाले
जातक
के
सभी
ग्रह
रूष्ट
हो
जाते
हैं
और
अशुभ
फल
देने
लगते
हैं।
-गौ
और
श्वान
:
गाय
और
श्वान
को
कभी
लात
ना
मारें।
इन्हें
किसी
भी
तरह
से
प्रताड़ित
करना
देवताओं
का
अपमान
करने
के
समान
माना
जाता
है।
अग्नि या अग्नि पात्र
-
अग्नि
या
अग्नि
पात्र
को
पैरों
का
स्पर्श
ना
होने
दें।
ऐसे
करने
से
भाग्य
विपरीत
हो
जाता
है
और
जीवन
भारी
अभावों
में
गुजरता
है।
-
तुलसी,
बिल्वपत्र,
आंकड़े
के
पुष्प
या
किसी
भी
प्रकार
के
पुष्पों
को
पैरों
से
कभी
ना
रौंदें।
समस्त
प्रकार
के
पुष्पों
में
लक्ष्मी
का
वास
होता
है।
-
यदि
इनमें
से
किसी
को
पैर
लग
जाए
तो
क्षमा
मांगते
हुए
प्रायश्चित
करना
चाहिए।