क्या महागठबंधन कर पाएगा यूपी में भाजपा का सफाया? क्या कहते हैं सितारे
ऩई दिल्ली। राजनीति में धर्म और जाति का बोलबाला है किन्तु राजनेताओं का न कोई धर्म है और न ही कोई जाति। उनका सिर्फ एक मकसद है, साम, दाम, दण्ड, भेद आदि का प्रयोग करके किसी भी प्रकार से सत्ता पर काबिज होना। राजनीति में राज करने के लिए समय पर रिश्तों की भी राजनीति की जाती है। आज लगभग 23 वर्षो बाद दो धुर-विरोधी राजनैतिक पार्टियों ने महागठबंधन बनाकर एक साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। आईये ज्योतिषीय विश्लेषण के आधार पर जानते हैं कि क्या महागठबंधन कर पायेगा यूपी में भाजपा का सफाया ? क्या सन् 2022 तक बुआ और बबुआ कदम से कदम मिलाकर चल पायेगे ?
महागठबंधन के समय क्षितिज पर मेष लग्न
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ के ताज होटल में 12 जनवरी दिन शनिवार को मध्यान काल में संयुक्त रूप प्रेस काॅन्फ्रेंस करते हुये महागठबंधन का ऐलान कर दिया है। महागठबंधन के समय क्षितिज पर मेष लग्न उदित हो रही थी। मेष एक चर लग्न है, चर का अर्थ होता है-चलायमान। लग्न का स्वामी मंगल 12वें भाव में बैठकर चैथी नजर से पराक्रम के भाव को देख रहा है।सातवीं नजर से छठें भाव को और आठवीं नजर से सातवें भाव को देख रहा है। सत्ता के कारक भाव दसवें का स्वामी शनि भाग्य भाव में बैठकर सातवीं नजर से पराक्रम भाव को देख रहा है और दसवीं दृष्टि छठें भाव को देख रहा है। दशमेश शनि के साथ सूर्य व बुध बैठे है। शनि, बुध तो आपस में मित्र हैं किन्तु सूर्य और शनि आपस में शत्रुता का भाव रखते है।
मेष है लोकसभा चुनाव की नाम राशि और महागठबंधन के ऐलान के समय की लग्न
अखिलेश की नाम राशि मेष है, मयावती की नाम राशि सिंह है, लोकसभा चुनाव की नाम राशि मेष है और महागठबंधन के ऐलान के समय की लग्न भी मेष है। मेष का स्वामी मंगल है व सिंह राशि का मालिक सूर्य है। सूर्य व मंगल दोनों ही अग्नि कारक ग्रह है। मंगल की अग्नि विंध्वसक है व सूर्य की अग्नि जीवनदायक है। इन दोनों ग्रहों की आपस में बहुत अच्छी मित्रता है। यानि अखिलेश और मायावती की जोड़ी लोकसभा चुनाव में शानदार साबित होगी। अखिलेश की नाम राशि मेष गोचर कुण्डली में लग्न में है और उसकी दूसरी मूल त्रिकोण अष्टम भाव में पड़ी है। लग्नेश मंगल भी 12वें भाव में चन्द्रमा के साथ है। मयावती की नाम राशि सिंह समय कुण्डली में पंचम भाव में है, जिसका स्वामी सूर्य भाग्य भाव में बैठा है। अतः लोकसभा चुनाव में अखिलेश की अपेक्षा मयावती को इस महागठबंधन से अधिक लाभ मिलेगा।
पूरी तरह भाजपा का सफाया संभव नहीं
हालांकि महागठबंधन से भाजपा को नुकसान अश्वय होगा किन्तु भाजपा का सफाया हो जाये ऐसा संभव नहीं है। समय कुण्डली में मेष लग्न है, जो एक चर लग्न है। लग्नेश मंगल 12वें भाव में है। मंगल एक विस्फोटक ग्रह है। निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव के बाद महागठबंधन की जड़ें कमजोर होती नजर आयेंगी और अन्तोगत्वा सन् 2022 के यूपी विधान सभा चुनाव से पहले इस महागठबंधन की डोर टूट जायेगी।