Solar Eclipse 2019: जानिए भारत में कहां-कहां और किस समय दिखेगा साल का अंतिम Surya Grahan?
नई दिल्ली। साल 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को है, यह कंकणाकृति 'सूर्यग्रहण' है और संपूर्ण भारत में दिखाई देगा, 26 दिसंबर को होने वाले 'सूर्यग्रहण' में छह ग्रह एक साथ होंगे, गौरतलब है कि वर्ष 1962 में बहुत बड़ा 'सूर्यग्रहण' हुआ था, जिसमें सात ग्रह एक साथ थे। पूर्ण 'सूर्य ग्रहण' को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक 'सूर्य ग्रहण' के रूप में दिखाई देगा।
तीन घंटे का 'सूर्य ग्रहण'
26 दिसंबर को लगभग तीन घंटे का 'सूर्यग्रहण' होगा। यह सुबह 8:09 पर शुरू होगा, 9:37 पर ग्रहण का मध्यकाल होगा और 10:58 पर ग्रहण का मोक्ष होगा, 'सूर्य ग्रहण' की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी, जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी, सूतक बारह घंटे पहले ही 25 दिसंबर की रात 8:17 पर लगेगा।
कैसा
होगा
26
दिसंबर
को
लगने
वाला
'सूर्य
ग्रहण'?
खास बात ये है कि वलयाकार पथ नार्थ से साउथ की ओर घटता जाएगा, इसलिए चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन बंगलोर में लगभग 90 फीसदी, चेन्नई में 85 फीसदी, मुंबई में 79 फीसदी, कोलकाता में 45 फीसदी, दिल्ली में 45 फीसदी, पटना में 42 फीसदी, गुवाहाटी में 33 फीसदी, पोर्ट ब्लेयर में 70 फीसदी और सिलचर में 35 फीसदी रहेगा।
'सूर्य ग्रहण' क्या है ?
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के मध्य में आता है, तब यह पृथ्वी पर आने वाले सूर्य के प्रकाश को रोकता है और सूर्य में अपनी छाया बनाता है। इस खगोलीय घटना को 'सूर्य ग्रहण' कहा जाता है।
'सूर्य ग्रहण' को लेकर हैं कई मिथक भी
वैसे तो ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन इससे जुड़े कुछ मिथक भी हैं...
- 'सूर्य ग्रहण' को अशुभ माना जाता है क्योंकि सूर्य पर छाया पड़ती है, जिससे यह सब कुछ बुराई के लिए एक ओमेन बना देता है।
- बहुत से लोग बुरी ताकतों से खुद को बचाने के लिए प्रार्थना और जाप जैसी धार्मिक गतिविधियों में लग जाते हैं।
- 'सूर्य ग्रहण' के दौरान खाना भी नहीं पकाया जाता।
- सूर्य की रोशनी कम होने के कारण कहा जाता है कि इससे खाने में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं। इसलिए बचा हुआ खाना भी ग्रहण से पहले खत्म कर लिया जाता है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए भी सूर्य ग्रहण हानिकारक माना जाता है, इन महिलाओं को बुरी ताकतों के प्रति अधिक संवेदनशील माना जाता है।
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