सत्य ही शिव है-शिव ही सुुंदर है, जानिए भोलनाथ से जुड़ी कुछ खास बातें
नई दिल्ली। अगर आप अपने घर के कलह से परेशान है या अपने व्यवसाय को लेकर चिंतित है या घर के वास्तु दोष से दुखी है तो परेशान मत होइये बल्कि हर सोमवार भोलेनाथ की पूजा कीजिए, आपके सारे कष्ट दूर हो जायेंगे। शिव की पूजा से जिन्दगी से हर तरह की परेशानियों को मिटाया जा सकता है क्योंकि भगवान शिव त्रिदेवों में एक देव हैं, जो महादेव और भोले-भंडारी हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। शिव अधिक्तर चित्रों में योगी के रूप में देखे जाते हैं और उनकी पूजा शिवलिंग और मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं।
शिव ही सत्य है
शिव ही सत्य है, और सत्य ही सुंदर है, शिव अपने इस स्वरूप द्वारा पूर्ण सृष्टि का भरण-पोषण करते हैं। इसी स्वरूप द्वारा परमात्मा ने अपने ओज व उष्णता की शक्ति से सभी ग्रहों को एकत्रित कर रखा है।
शिव की अष्टमूर्ति
- क्षितिमूर्ति -सर्व
- जलमूर्ति -भव
- अग्निमूर्ति -रूद्र
- वायुमूर्ति -उग्र
- आकाशमूर्ति -भीम
- यजमानमूर्ति -पशुपति
- चन्द्रमूर्ति -महादेव
- सूर्यमूर्ति -ईशान
शिवलिंग
शिवलिंग का अर्थ है शिव का आदि-अनादी स्वरुप। शून्य, आकाश, अनन्त, ब्रह्माण्ड और निराकार परमपुरुष का प्रतीक होने से इसे लिंग कहा गया है। स्कन्द पुराण में कहा है कि आकाश स्वयं लिंग है। धरती उसका पीठ या आधार है और सब अनन्त शून्य से पैदा हो उसी में लय होने के कारण इसे लिंग कहा है।
भगवान शिव और देवी शक्ति (पार्वती)
शिवलिंग भगवान शिव और देवी शक्ति (पार्वती) का आदि-आनादी एकल रूप है जो कि प्रकृति की समानता का मानक भी है, जिसका अर्थ है कि इस संसार में न केवल पुरुष का और न केवल प्रकृति (स्त्री) का वर्चस्व है अर्थात दोनों सामान है।
शिवस्वरूप
शिवलिंग के महात्म्यका वर्णन करते हुए शास्त्रों ने कहा है कि जो मनुष्य किसी तीर्थ की मृत्तिका से शिवलिंग बना कर उनका विधि-विधान के साथ पूजा करता है, वह शिवस्वरूप हो जाता है। शिवलिंग का सविधि पूजन करने से मनुष्य सन्तान, धन, धन्य, विद्या, ज्ञान, सद्बुद्धि, दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति करता है।
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