Benefits Of Nutmeg: जानिए जायफल के कारगर उपाय
लखनऊ। मिरिस्टिका नामक वृक्ष से जायफल तथा जावित्री प्राप्त होती है। मिरिस्टिका प्रजाति की लगभग 8० जातियाँ हैं, जो भारत, आस्ट्रेलिया तथा प्रशंत महासागर के द्वीपों में उपलब्ध हैं। मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते हैं। इस वृक्ष का फल छोटी नाशपाती के रूप का १ इंच से डेढ़ इंच तक लंबा, हल्के लाल या पीले रंग का गूदेदा होता है। परिपक्व होने पर फल दो खंडों में फट जाता है और भीतर सिंदूरी रंग की जावित्री दिखाई देने लगती है। जावित्री के भीतर गुठली होती है, जिसके काष्ठवत् खोल को तोड़ने पर भीतर जायफल प्राप्त होता है।
अंसभव कार्य बनना
ऐसा कार्य जिसके पूरे होने में संदेह हो तो शनिवार को दो जायफल, दो पान के जोड़े में लौंग गाड़कर उसमें थोड़ा सिन्दूर व चमेली का तेल डालकर दक्षिणमुखी वाले हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ाने से कार्य सिद्ध हो जाता है। सामथ्र्य के अनुसार हवन भी करना चाहिए।
शत्रु शमन के लिए
अगर आपका शत्रु परेशान कर रहा है और हर कार्य में अड़ंगा डाल रहा है तो शत्रु का नाम लेकर दो जायफल कपूर से जलाकर उसकी राख को नाले में बहा दें। ऐसा करने से शत्रु आपको परेशान करना बन्द कर देता है।
शनि बाधा शान्त के लिए
यदि आपको शनि की साढ़े-साती परेशान कर रही है तो प्रत्येक शनिवार को जायफल को कीकर के पेड़ पर चढ़ायें। यह उपाय कम से कम एक वर्ष तक करने से शनि ग्रह का शुभफल मिलना प्रारम्भ हो जाता है।
दीर्घकालीन योजना हेतु
यदि आपको कोई महत्वपूर्ण योजना बनानी है और उसमें सफलता प्राप्त करनी है। शनिवार के दिन दो जायफल हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ायें व उसके बाद पुनः उठा लें। अगले शनिवार को इसका शनि मन्त्र से घी से हवन करें फिर इसकी राख अपने पास रखकर नित्य थोड़ी-थोड़ी जुबान पर रखें व तिलक लगायें। अगले शनिवार को पुनः इसी प्रकार से करें। ये उपाय लगातार 16 शनिवार करने से बड़ी से बड़ा कार्य सम्पन्न हो जाता है।
उल्टी, गैस व अनिद्रा के लिए
उल्टी हो व प्यास लगे तो जायफल का टुकड़ा चूसे। अगर आपको गैस बन रही हो तो जायफल को नींबू के रस में घिसकर चाटें। जायफल का टुकड़ा मुॅह में रखकर चूसने या पानी, घी में घिसकर पलकों पर लगायें। ऐसा करने से अनिद्रा की शिकायत दूर हो जाती है।
कमर दर्द व जोड़ों का दर्द
जायफल को पानी में घिसकर तिल के तेल में मिलाकर गर्म करके ठण्डा करें व कमर पर मालिश करें। ऐसा करने से कमर दर्द में राहत मिलेगी। जायफल घिसकर वह पानी या जायफल का तेल जोड़ों पर लगाने से जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है।
दस्त व मुहांसे
जायफल घिसकर उस पानी का सेंवन करें व नाभि पर लेंप लगाने से दस्त आने बन्द हो जाते है। मुहाॅसे होने पर जायफल को दूध में घिसकर चेहरे पर लेप लगाने से मुहांसे समाप्त हो जाते है।
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