30 दिन में 3 ग्रहण, दो चंद्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण से होगा सामना
नई दिल्ली। कई साल में यह दुर्लभ संयोग बना है जब मात्र 30 दिन में 3 ग्रहण लगने जा रहे हैं। इनमें दो चंद्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण होगा। 5 जून को चंद्र ग्रहण, 21 जून को खंडग्रास सूर्यग्रहण और 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण का योग बना है। हालांकि इनमें से 5 जून और 5 जुलाई को लगने वाले चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे, इसलिए यहां इनका सूतक और अन्य कोई नियम मान्य नहीं होगा, लेकिन 21 जून को होने वाला खंडग्रास सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा, जिसका धार्मिक दृष्टि से महत्व होगा। इसका सूतक और अन्य नियम भी माने जाएंगे।
इस वर्ष के ग्रहण
इस वर्ष 2020 में कुल छह ग्रहण हैं, जिनमें से चार चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण हैं। एक चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है, जो भारत में दिखाई नहीं दिया था। इसके बाद अब 5 जून, 5 जुलाई और 30 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं। जबकि 21 जून और 14 दिसंबर को सूर्य ग्रहण हैं। यदि देखा जाए तो वर्ष के आधे यानी तीन ग्रहण केवल एक माह में आ रहे हैं।
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5 जून और 5 जुलाई को हैं उपच्छाया चंद्र ग्रहण
ज्येष्ठ पूर्णिमा 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण मांद्य होगा। इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण भी कहते हैं। यानी ग्रहण भारत में पूरा न लगकर केवल छाया मात्र में रहेगा। उज्जैनी समय के अनुसार इस चंद्र ग्रहण का स्पर्श रात 11.16 बजे होगा। मध्य रात 12.55 बजे और मोक्ष (समाप्त) रात 2.34 बजे होगा। ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 18 मिनट रहेगी। इस ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से कोई महत्व नहीं है और ना ही इसके लिए कोई सूतक और नियम मानने की आवश्यकता है। इसी तरह आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर 5 जुलाई को भी मांद्य चंद्र ग्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार इसका स्पर्श सुबह 8.37 बजे और मोक्ष दिन में 11.22 बजे होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 2 घंटे 45 मिनट होगी। यह ग्रहण भारत, ऑस्ट्रेलिया, ईराक, ईरान, रूस, चीन को छोड़कर अन्य देशों में नजर आएगा। इस ग्रहण का भी धार्मिक दृष्टि से कोई महत्व नहीं है। इसमें किसी प्रकार का नियम, सूतक आदि मान्य नहीं होगा।
साढ़े तीन घंटे का रहेगा खंडग्रास सूर्यग्रहण
ज्येष्ठ अमावस्या पर 21 जून 2020 को खंडग्रास सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसलिए इसके नियम और सूतक मान्य होंगे। उज्जैनी समय के अनुसार इस ग्रहण का स्पर्श सुबह 10.11 बजे होगा। मध्यकाल सुबह 11.50 बजे और मोक्ष दोपहर 1.41 बजे होगा। ग्रहण की कुल अवधि साढ़े तीन घंटे रहेगी। यह ग्रहण मिथुन राशि में होने जा रहा है। इस दिन मिथुन राशि में चतुगर््रही योग भी रहेगा। ग्रहण के समय मिथुन राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, राहु एकसाथ रहेंगे। यह ग्रहण मिथुन, कर्क, वृश्चिक व मीन राशि वालों के लिए अशुभ है। वृषभ, तुला, कुंभ व धनु राशि के लिए मध्यम है। मेष, सिंह, कन्या व मकर राशि वालों के लिए शुभ फलदायी रहेगा। ग्रहण के समय मंगल दोष भी है।
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