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सात जन्मों की गरीबी दूर कर देता है श्री गणेश सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ
नई दिल्ली। प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश की आराधना समस्त प्रकार के सुख, भोग, ऐश्वर्य, सर्वत्र विजय दिलाने वाली होती है। वेद-पुराणों में गणेशजी के विभिन्न स्तोत्र, मंत्र आदि का वर्णन मिलता है, किंतु श्रीगणेश सहस्त्रनाम स्तोत्र का यदि प्रतिदिन एक बार पाठ कर लिया जाए तो इसमें कोई संशय नहीं कि मनुष्य जो चाहे वह प्राप्त कर सकता है। यह समस्त विघ्नों का नाश करने वाला और संपूर्ण मनोवांछित फलों को देने वाला है। शास्त्रों में वर्णन मिलता है किस्वयं भगवान शिव ने त्रिपुर विजय से पूर्व श्रीगणेश के सहस्त्रनाम स्तोत्र को सिद्ध किया था, तभी वे त्रिपुरासुर पर विजय प्राप्त कर पाए।
क्या हैं लाभ
- जो मनुष्य प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में गणपति के एक हजार नामों का पाठ करता है उसके हाथ में लौकिक और पारलौकिक समस्त सुख आ जाते हैं।
- इसके एक बार पाठ करने से आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य, धैर्य, शौर्य, बल, यश, बुद्धि, कांति, सौभाग्य, रूप-सौंदर्य, संसार को वशीकरण करने की शक्ति, शास्त्रार्थ में निपुणता, उच्च कोटि की वाक शक्ति, शील, वीर्य, धन-धान्य की वृद्धि आदि प्राप्त होते हैं।
- गणपति सहस्त्रनाम का पाठ सर्वश्रेष्ठ वशीकरण प्रदान करता है। शास्त्रों में कहा गया है इससे चार प्रकार का वशीकरण सिद्ध होता है- राजा का, राजा के अंत:पुर का, राजकुमार का तथा राज्यमंत्री का। वर्तमान संदर्भो में देखा जाए तो मनुष्य को सर्व वशीकरण की शक्ति प्राप्त हो जाती है। अर्थात् जिसके वशीकरण की कामना से इसका पाठ किया जाए वह दास बन जाता है। इस सहस्त्रनाम के पाठ से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की सिद्धि होती है।
- यह सहस्त्रनाम नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है। शाकिनी, डाकिनी, राक्षस, भूत, यक्ष, सर्प भय का नाश करता है। इससे शत्रुओं का नाश होता है। शत्रुओं द्वारा आपके ऊपर किए गए बुरे कर्मो का प्रभाव समाप्त करता है।
- इसके पाठ से समस्त प्रकार के दुख और क्लेश समाप्त होते हैं। परिवार में सुख-शांति आती है और स्वजनों में पारस्परिक प्रेम बढ़ता है।
- गणेश सहस्त्रनाम के प्रयोग से स्वप्नों के बुरे फल नष्ट होते हैं।
- गणेश सहस्त्रनाम मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन आदि षटकर्म, आठ महासिद्धि तथा त्रिकालज्ञान का साधन करवाता है।
- यह सर्वत्र विजय दिलाने वाला, वंध्यापन संबंधी समस्त दोष दूर करने वाला और गर्भ की रक्षा का मुख्य साधन है।
- जिस घर में गणेश सहस्त्रनाम का नित्य पाठ होता है लक्ष्मी कभी उस घर को छोड़कर नहीं जाती।
- समस्त प्रकार के रोग भी उस घर में कभी नहीं आते, जहां नित्य इसका पाठ होता है।
- रोज गणेश सहस्त्रनाम का पाठ किया जाए तो पृथ्वी पर सुलभ समस्त भोग मनुष्य को प्राप्त होते हैं।
- भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को जो मनुष्य इन सहस्त्रनामों द्वारा दूर्वार्पण करते हुए विधिवत गणेश का पूजन करता है। अष्टगंध द्रव्यों से हवन करता है उसके सभी मनोरथ पूरे होते हैं।
- दरिद्र मनुष्य यदि चार मास तक नित्य गणेश सहस्त्रनाम का पाठ करे तो सात जन्मों से चली आ रही दरिद्रता भी दूर हो जाती है।
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English summary
The Ganesha Sahasranama is a Hindu hymn of praise and a popular recital of the names of Lord Ganesha. here is Significance of Ganesha Sahasranama.
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