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Shani Amavasya 2018: शनैश्चरी अमावस्या 17 मार्च को, राशि के अनुसार करें ये दान, चमकेंगे सितारे

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। चैत्र कृष्ण पक्ष शनिवार, दिनांक 17 मार्च 2018 को मोक्षदायिनी, पुण्यदायिनी अमावस्या आ रही है। शनिवार को आने के कारण यह शनैश्चरी अमावस्या कहलाएगी। पितरों को प्रसन्न करने, पुण्य प्राप्त करने और अपने जीवन से संकटों का नाश करने के लिए इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके पितरों के निमित्त पिंड दान, तर्पण, दान आदि किए जाते हैं। आइये जानते हैं शनैश्चरी अमावस्या का क्या महत्व है और आप इस दिन क्या उपाय कर सकते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में चंद्र कला के आधार पर दो पक्ष आते हैं, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। ये दोनों पक्ष 15-15 दिनों के होते हैं। शुक्ल पक्ष का समापन पूर्णिमा पर होता है और कृष्ण पक्ष का समापन अमावस्या पर। अमावस्या को लेकर आम लोगों में बड़ा भय और भ्रम रहता है। काफी हद तक यह सच भी है क्योंकि धर्म ग्रंथों के अनुसार शुक्ल पक्ष में देव आत्माएं सक्रिय रहती हैं और कृष्ण पक्ष में दैत्य आत्माएं अधिक प्रभावी हो जाती है। इसलिए कोई भी शुभ कार्य शुक्ल पक्ष में ही करने पर जोर दिया जाता है।

अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव होते हैं...

हिंदू पंचांग में प्रत्येक तिथि का एक स्वामी होता है। अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव होते हैं, इसलिए अक्सर हमारे घर-परिवारों में हमने देखा होगा अमावस्या के दिन पितरों को धूप दी जाती है। इस बार अमावस्या का संयोग शनिवार के दिन होने से यह शनैश्चरी अमावस्या हो गई है और इसमें किए गए शांति के उपाय तुरंत फलदायी होते हैं। तंत्र शास्त्रों में शनैश्चरी अमावस्या का सर्वाधिक महत्व बताया गया है। इस दिन किए गए दान-पुण्य का सहस्त्र गुना फल मिलता है। खासकर इस दिन विभिन्न प्रकार के अनाज का दान किया जाना चाहिए।

आइये जानते हैं अपनी चंद्र राशि के अनुसार आपको किन चीजों कर दान करना चाहिए:...

 शनैश्चरी अमावस्या

शनैश्चरी अमावस्या

  • मेष: शनैश्चरी अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर और स्नान के बाद सवा किलो बाजरा मिट्टी के कलश में भरकर उस पर सरसों के तेल का चार बत्ती वाला दीपक जलाएं। इसके बाद काले कंबल के आसन पर बैठकर शनिदेव का ध्यान करें। यह कलश किसी बुजुर्ग व्यक्ति को दान दें। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को काले कंबल का दान दें।
  • वृषभ: शनैश्चरी अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर और स्नान के बाद सवा किलो तुअर की दाल मिट्टी के कलश में भरें। उस पर सरसों के तेल का चौमुखा दीपक लगाएं। आसन पर बैठकर शनिदेव का ध्यान करें और फिर यह कलश किसी 9 वर्ष से कम आयु की कन्या को दान दें। इसके बाद पीपल के वृक्ष में कच्चा दूध अर्पित कर, उसके नीचे घी का दीपक जलाएं।
  • मिथुन: शनि अमावस्या पर सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि के बाद सवा किलो साबूत हरे मूंग हरे रंग के कपड़े में बांधकर स्टील के बर्तन में घर के पूजा स्थान में रखें। शनिदेव का ध्यान करते हुए बर्तन के ऊपर सरसों के तेल का चार बत्ती वाला दीपक जलाएं। शनिदेव का ध्यान करें और यह बर्तन किसी बुजुर्ग व्यक्ति को दक्षिणा समेत दान करें।
  •  शनिदेव का ध्यान करें

    शनिदेव का ध्यान करें

    • कर्क: सुबह पूजा के समय सवा किलो अक्षत यानी अखंडित चावल सफेद कपड़े में बांधकर पूजा स्थान में रखें। शनिदेव का ध्यान करें और यह चावल की पोटली किसी कुष्ठ रोगी को दान करें। गौशाला में श्रद्धानुसार गायों को चारा खिलाएं। जरूरतमंद लोगों को नमकीन चावल खिलाएं।
    • सिंह: सवा किलो गेहूं लाल कपड़े में बांधकर पूजा स्थान में रखें। शनिदेव का ध्यान करके अपनी सारी समस्याओं से मुक्ति का आग्रह करें। यह पोटली किसी भिखारी को दान-दक्षिणा के साथ भेंट करें। गौशाला में सरसों की खली का दान करें।
    • कन्या: शनैश्चरी अमावस्या के दिन सवा किलो पालक या मैथी हरे कपड़े में बांधकर पूजा स्थान में रखे। हरे रंग के आसन पर बैठकर शनिदेव का ध्यान करके यह पोटली मजदूर वर्ग के लोगों या घर में काम करने वाली बाई, नौकर आदि को दान करें। साथ में श्रद्धानुसार कुछ दक्षिणा भी रखें।
    • अमावस्या

      अमावस्या

      • तुला: प्रातःकाल पूजा के समय एक सफेद कपड़े में सवा किलो शकर बांधकर शनिदेव का ध्यान करते हुए अपने पूजा स्थान में रखें। ऊं शनिदेवाय नमः मंत्र की एक माला जाप करें और यह पोटली किसी विधवा स्त्री को भेंट करें। विधवा न मिले तो किसी मंदिर में दान कर सकते हैं।
      • वृश्चिक: नए लाल कपड़े में सवा किलो मसूर की दाल बांधकर किसी ऐसे व्यक्ति को दान करें जिसकी सिर्फ पुत्रियां हों। यदि ऐसा कोई परिवार ना मिले तो यह सामग्री किसी शिव मंदिर में अर्पित कर आएं। भगवान शनिदेव का ध्यान करें और अपने संकटों से मुक्ति का आग्रह करें।
      • धनु: इस राशि के लोग सुबह घर में नियमित पूजा के बाद सवा किलो चने की दाल पीले कपड़े में बांधकर उसमें 10 का सिक्का रखें। अब शनिदेव का ध्यान करें। यह पोटली किसी ब्राह्मण को दान करें। गौशाला में सवा किलो मक्का गायों को खिलाएं।
      • मकर: अमावस्या के दिन काले या नीले कपड़े में सवा किलो काले चने बांधकर किसी ब्राह्मण को दक्षिणा सहित भेंट करें। यह दान किसी शिव मंदिर में भी अर्पित किया जा सकता है। गरीबों जरूरतमंदों को भोजन करवाएं।
      • गौशाला में गायों को चारा खिलाने का प्रबंध करवाएं

        गौशाला में गायों को चारा खिलाने का प्रबंध करवाएं

        • कुंभ: काले कपड़े में सवा किलो काले उड़द बांधकर पोटली बनाएं। इसे अपने पूजा स्थान में रखें। शनिदेव का ध्यान करें और यह किसी गौशाला या मंदिर में दान दें। साथ ही गौशाला में गायों को चारा खिलाने का प्रबंध करवाएं।
        • मीन: मीन राशि के जातक शनैश्चरी अमावस्या के दिन सवा लीटर सरसो का तेल स्टील के पात्र में भरकर शनि मंदिर में दान करें। गरीबों को पीले रंग के नमकीन चावल बनाकर खिलाएं। अपनी श्रद्धा के अनुसार भिखारियों को वस्त्र भेंट करें।

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English summary
Amavasya means dark moon lunar phase in Sanskrit. The word Amavasya is common to almost all Nepalese and Indian languages as most of them are derived from Sanskrit.
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