क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सत्यनारायण व्रत 20 मार्च को, जीवन की दशा और दिशा सुधारने के लिए जरूर करें

By पं गजेंद्र शर्मा
Google Oneindia News

नई दिल्ली। भगवान श्रीहरि विष्णु के स्वरूप भगवान श्री सत्यनारायण की पूजा से लगभग प्रत्येक हिंदू जनमानस परिचित है। शायद ही ऐसा कोई परिवार होगा जिसने कभी न कभी सत्यनारायण पूजा घर में नहीं करवाई होगी। कोई भी शुभ कार्य हो, ग्रह प्रवेश हो, विवाह आदि का आयोजन हो या कोई और प्रसन्नता का कार्य हो सत्यनारायण पूजा अवश्य की जाती है। वैसे तो सत्यनारायण पूजा करने का दिन पूर्णिमा निर्धारित होता है, लेकिन इसे किसी भी दिन किया जा सकता है। उसमें भी फाल्गुन पूर्णिमा के दिन बड़ा सत्यनारायण व्रत होता है। इस दिन सत्यनारायण व्रत-पूजा करने से सालभर की जाने वाली समस्त पूर्णिमा का फल मिल जाता है। आइए जानते हैं भगवान श्री सत्यनारायण का व्रत क्यों किया जाता है।

क्यों किया जाता है सत्यनारायण व्रत

क्यों किया जाता है सत्यनारायण व्रत

घर-परिवार की सुख-समृद्धि, आर्थिक प्रगति, दुखों के नाश, संकटों से छुटकारा और कन्या के विवाह में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए सत्यनारायण व्रत किया जाता है। कार्यों या उद्देश्यों की पूर्ति की कामना से यदि सत्यनारायण व्रत-पूजा का संकल्प लिया जाए तो वह कामना अवश्य पूरी होती है और उसके पूरे होने के पश्चात यह पूजा जरूर करवाएं।

कैसे किया जाता है सत्यनारायण व्रत

कैसे किया जाता है सत्यनारायण व्रत

सत्यनारायण व्रत फाल्गुन पूर्णिमा के दिन किया जाता है। इस व्रत को करने के लिए यजमान को सबसे पहले पवित्र और शुद्ध मन से सत्यनारायण व्रत का संकल्प लेना चाहिए। यह व्रत दो तरह से किया जा सकता है। पहला तो यदि आपकी कोई मनोकामना पूरी हो गई है या कोई शुभ कार्य घर-परिवार में है तो किया जाता है। दूसरा यह कि आप अपने किसी विशेष कार्य को पूरा करवाना चाहते हैं तो यह व्रत करें। व्रत का संकल्प करने के बाद इसकी पूजा दोपहर में 12 बजे से पूर्व की जाती है। अपने पूजा स्थान या जिस जगह सत्यनारायण पूजा करना है उस जगह को गंगाजल, गौमूत्र से साफ-स्वच्छ कर लें। फिर आटे से स्वस्तिक बनाकर उस पर लकड़ी की चौकी रखें। चौकी पर लाल और सफेद कपड़े आधे-आधे जगह पर बिछाएं।

श्रद्धानुसार ब्राह्ण दंपती को भोजन करवाएं

श्रद्धानुसार ब्राह्ण दंपती को भोजन करवाएं

चौकी के आसपास केले के पत्ते का मंडप बनाएं और चौकी पर सत्यनारायण भगवान का चित्र या मूर्ति स्थापित करें। लाल कपड़े पर गेहूं से सोलह ढेरी बनाकर षोड़श मात्रिका स्थापित करें और सफेद कपड़े पर चावल से नवग्रहों की 9 ढेरियां बनाएं। मध्य में एक कलश स्थापित करें और कलश में आम के पत्ते डालकर श्रीफल स्थापित करें। इसके बाद सबसे पहले भगवान श्री गणेश का आह्वान और पूजन करें। कलश की पूजा करें और भगवान सत्यनारायण की पूजा करें। फिर सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करें। कथा के बाद हवन किया जाता है तथा नैवेद्य में पंचामृत, केले सहित पांच फल और हलवे का भोग लगाएं। यह पूजा आप नहीं कर सकते तो किसी पंडित से करवाएं। पूजन पूर्ण होने के बाद अपनी श्रद्धानुसार ब्राह्ण दंपती को भोजन करवाएं। गरीबों को दान दें।

व्रत के लाभ

व्रत के लाभ

1. जिस मनोकामना की पूति को लेकर किया गया है वह अवश्य पूरी होती है।

2. व्रत के प्रभाव से समस्त संकटों का नाश हो जाता है।
3. कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा है तो सत्यनारायण व्रत के प्रभाव से शीघ्र ही अच्छे विवाह प्रस्ताव आने लगते हैं।
4. आजीविका संबंधी समस्या का निदान सत्यनारायण व्रत से हो जाता है।
5. नौकरी में तरक्की और बिजनेस में लाभ के लिए सत्यनारायण व्रत अवश्य करना चाहिए।

यह भी पढ़ें- भाद्रपद पूर्णिमा 24 सितंबर को, भगवान सत्यनारायण की करें पूजा, धन से भर जाएंगे भंडार

Comments
English summary
satyanarayan vrat on 20 march, life could turn better
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X