शनि मार्गी : साढ़ेसाती और ढैया वाले ये उपाय जरूर करें
नई दिल्ली। 29 सितंबर 2020 से मार्गी होने जा रहे शनिदेव का प्रभाव वैसे तो सभी राशियों, प्रकृति, पर्यावरण, राजनीतिक-आर्थिक परिदृश्य पर होगा, लेकिन हम यहां विशेषतौर पर बात कर रहे हैं उन लोगों की जिनकी कुंडली में शनि खराब अवस्था में है या उन्हें शनि की साढ़ेसाती या लघु कल्याणी ढैया चल रहा है। वर्तमान में शनि मकर राशि में हैं। इसलिए धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती चल रही है, जबकि मिथुन और तुला राशि पर लघु कल्याणी ढैया चल रहा है। सबसे पहले हम जानते हैं शनि आपके लिए शुभ है या अशुभ यह कैसे पता लगाएं। संपूर्ण विश्लेषण तो जातक की जन्मकुंडली देखकर ही पता किया जा सकता है, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण हैं, जिन्हें देखकर समझा जा सकता है कि शनि आपके लिए कैसा है।
शनि के अशुभ होने के लक्षण
- यदि किसी व्यक्ति के जूते-चप्पल बार-बार टूट रहे हों, या बार-बार खो रहे हों।
- घर में अचानक कोई अशुभ घटनाएं होने लगती हैं। जैसे घर में बिल्ली-कुत्ते का मरना।
- जिस घर में आप रह रहे हैं वह गिरने लगे, धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो रहा हो।
- अच्छी कमाई के बावजूद खर्च पूरे नहीं हो पा रहे हों। कर्ज लेने की नौबत आ रही हो।
- दांत, बाल, नाखून, आंखें अचानक कमजोर हो जाए।
- मानसिक पीड़ाएं एक के बाद एक आने लगें।
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शनि के शुभ होने के लक्षण
- जब कम आय के बावजूद खर्च पूरे हों। पैसों की बचत हो।
- थोड़े से प्रयास में ही काम आसानी से पूरे होने लगें।
- अचानक मान-सम्मान और धन की प्राप्ति हो।
- कार्यों की रूकावटें समाप्त हो जाएं। शत्रु परास्त हों।
- मित्रों, परिवार का सहयोग मिले। कोर्ट कचहरी के मुकदमें जीत जाएं।
- वाहन, मशीनरी, प्रॉपर्टी के कार्यों से लाभ मिले।
शनि की पीड़ा से बचने के लिए क्या करें
- यदि आप पर साढ़ेसाती या ढैया चल रहा है तो शनिवार की शाम को शमी वृक्ष की जड़ को काले कपड़े में पिरोकर दाहिने हाथ में बांधे तथा ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र की तीन या सात माला जाप करें। इससे शनि की पीड़ा से राहत मिलेगी।
- शनिवार को आप जो भोजन करें उसमें काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करें।
- यदि आप शनि की पीड़ा से गुजर रहे हैं और बहुत ज्यादा परेशानी में हैं तो घर के सबसे अंधेरे भाग में लोहे की कटोरी में सरसो का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर रख दें। यह प्रयोग शनिवार के दिन करें। आराम मिलेगा।
- भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ऊं नम: शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप शनि के दोष से बचा सकता है।
- शनि की ढैया की शांति के लिए मिथुन और तुला राशि के जातक शुक्रवार की रात्रि में 800 ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें। शनिवार को उन्हें पीसकर गुड़ मिलाकर आठ लड्डू बनाएं और काले घोड़े को खिला दें। यह प्रयोग लगातार 8 शनिवार करने से पीड़ा शांत होगी।
- साढ़ेसाती वाले जातक शनिवार के दिन अपने हाथ से नापकर 29 हाथ लंबा काला धागा लेकर उसको माला की तरह गूंथकर गले में पहनें।
- शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनिदेव को नीले अपराजिता के फूल अर्पित कर शनि स्तवराज का 7 बार पाठ करें।
- शनिवार के दिन पीपल और वट वृक्ष के नीचे सूर्योदय से ठीक पूर्व कड़वे तेल का दीपक लगाएं।
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