Saturn Effect: 30 साल बाद पुन: अपनी ही राशि में प्रवेश करेंगे शनिदेव, जानिए क्या होगा असर
नई दिल्ली। ग्रहों में न्यायाधीश कहलाने वाले शनिदेव ढाई साल एक ही राशि में गोचर करते हैं। ढाई साल पूरे हो जाने के बाद वे दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ये सत्य के मार्ग पर चलने वाले को शुभ परिणाम देते हैं और गलत कार्य करने वाले को दंडित भी करते हैं, इसलिए इन्हें ग्रह होते हुए भी देव की संज्ञा दी गई है। शनिदेव का धनु राशि में ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा होने वाला है और वे 24 जनवरी 2020 को मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। यह शनि की अपनी राशि है और इसमें वे दोबारा 30 साल के बाद आ रहे हैं। इससे पहले शनि ने 15 दिसंबर 1990 को मकर राशि में प्रवेश किया था।
ढाई साल बाद राशि बदल रहे हैं शनिदे
वैदिक ज्योतिष में न्याय के कारक ग्रह माने जाने वाले शनि माघ मास की मौनी अमावस्या पर 24 जनवरी 2020 को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वज्र योग और मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में सुबह 10 बजे वृश्चिक राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में शनि का परिभ्रमण 29 अप्रैल 2022 तक रहेगा। इस दौरान वे 11 मई 2020 से 29 सितंबर 2020 तक मकर राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे।
अशुभ प्रभावों में कुछ कमी आएगी
इसके बाद 27 दिसंबर 2020 को अस्त हो जाएंगे, जिससे शनि के अशुभ प्रभावों में कुछ कमी आएगी। साथ ही शनि का नक्षत्रों में परिवर्तन भी कक्षीय क्रम में होता रहेगा। मकर शनि की स्वयं की राशि है। अपनी ही राशि में परिभ्रमण करते हुए वे विभिन्ना राशि के जातकों को राहत तथा शुभफल प्रदान करेंगे।
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किस से उतरेगी और किस पर चढ़ेगी साढ़ेसाती
शनि जिस राशि पर रहते हैं उसके अलावा अपनी राशि से दूसरी और बारहवीं राशि पर साढ़ेसाती रहती है और गोचर में चंद्र राशि से शनि की चौथी और आठवीं स्थिति वाली राशियों पर लघुकल्याणी ढैया चलता है। 24 जनवरी 2020 को शनि के मकर राशि में प्रवेश करते ही वृश्चिक राशि से साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। धनु राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम ढैया प्रारंभ होगा, मकर राशि पर दूसरा ढैया और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का प्रारंभ होगा। चंद्र राशि मिथुन और तुला पर शनि का लघुकल्याणी ढैया प्रारंभ होगा। श्ानि मकर और कुंभ राशियों का स्वामी है।
इन राशियों पर ऐसा रहेगा प्रभाव
- मेष : पद में वृद्धि होगी। धन संपत्ति प्राप्ति, राजकीय कार्य में प्रगति।
- वृषभ : भाग्योन्नाति होगी, सुख के साधनों में वृद्धि होगी।
- मिथुन : पुराने धन की प्राप्ति होगी। संबंधों का लाभ मिलेगा।
- कर्क : परिवार में वृद्धि व आध्यात्मिक-धार्मिक कार्य संपन्न् होंगे।
- सिंह : रोगों का निवारण होगा। सुख संपत्ति प्राप्त होगी।
- कन्या : संतान पक्ष से शुभ समाचार, उत्तम नौकरी, आय के साधन बढ़ेंगे।
- तुला : भूमि, भवन व संपत्ति की प्राप्ति, भौतिक सुविधाओं में वृद्धि होगी।
- वृश्चिक : सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। मानसिक शांति प्राप्त होगी।
- धनु : धन की प्राप्ति व निवेश का लाभ मिलेगा, शत्रुओं का शमन होगा।
- मकर : बौद्धिक कार्यों से लाभ, धन की आवक बढ़ेगी।
- कुंभ : धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। सदाचार की प्राप्ति होगी।
- मीन : मांगलिक कार्यों में संलग्न होंगे, सामाजिक सम्मान प्राप्ति के योग बनेंगे।
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