Rudraksha: समय पर नहीं हो रहा है विवाह तो ये रूद्राक्ष धारण करें
नई दिल्ली। समय पर और सही जगह विवाह नहीं होना आजकल की सबसे बड़ी समस्या बन गया है। जॉब, पसंद का परिवार नहीं मिलना, शादी के बाद बंदिशें नहीं मानना जैसी कई बातों के कारण आजकल के युवा शादी नहीं करना चाहते। इन सब कारणों के अलावा विवाह में देरी होने के कई ज्योतिषीय कारण भी होते हैं। किसी भी युवक या युवती की जन्मकुंडली में बृहस्पति का उत्तम स्थिति में होना विवाह के लिए आवश्यक है। साथ ही बृहस्पति पर शनि का प्रभाव नहीं होना चाहिए। शनि की दृष्टि, शनि की दशा-महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती और मंगल दोष होने के कारण भी विवाह समय पर नहीं हो पाता है।
रूद्राक्ष पर कीजिए भरोसा, जल्द होंगे हाथ पीले
शीघ्र विवाह के लिए वैदिक ज्योतिष में अनेक उपाय बताए गए हैं। उनमें से एक सबसे सटीक और जल्दी असर दिखाने वाला प्रयोग है रूद्राक्ष का। स्वयं भगवान शिव का प्रतीक रूद्राक्ष सुख-सौभाग्य प्रदान करने के साथ ही शीघ्र विवाह के रास्ते खोलने के लिए भी जाना जाता है, लेकिन इसे धारण करने की एक सही विधि और तरीका होता है। रूद्राक्ष 1 से 21 मुखी तक पाए जाते हैं, लेकिन विवाह संबंधी रूकावट दूर करने में कुछ ही रूद्राक्ष प्रयोग किए जाते हैं।
आइए जानते हैं विवाह कार्यों की बाधा समाप्त करने के लिए कौन-से रूद्राक्ष धारण करना चाहिए....
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गौरी शंकर रूद्राक्ष
- गौरी शंकर रूद्राक्ष को साक्षात भगवान शिव और मां पार्वती का प्रतीक माना जाता है। यह रूद्राक्ष विवाह सुख का कारक होता है। इसे धारण करने से किसी भी तरह की बाधा, ग्रह दोष समाप्त होता है और जल्दी विवाह का मार्ग प्रशस्त होता है। लेकिन यह काफी मुश्किल से मिलता है। इसलिए आम लोग इसे धारण नहीं कर पाते।
- अविवाहितों के लिए दो मुखी रूद्राक्ष किसी वरदान से कम नहीं। विवाह में आ रही बाधा दूर करने के लिए दो मुखी रूद्राक्ष धारण किया जा सकता है। इससे जल्दी विवाह की संभावना बढ़ जाती है। यह रूद्राक्ष विवाह के साथ सुख-सौभाग्य, धन और शांति भी प्रदान करता है।
- चार मुखी रूद्राक्ष भी विवाह में बाधा को दूर करता है। इससे व्यक्ति में समझदारी और एकाग्रता आती है। विवाह में यदि कोई ग्रह बाधक बन रहा है तो चार मुखी रूद्राक्ष धारण करने से ग्रहों की शांति होती है।
- छह मुखी रूद्राक्ष संबंधों को मजबूत बनाने का काम करता है। यह रूद्राक्ष शीघ्र विवाह तो करवाता ही है, जिन दंपतियों के जीवन में विवाह संबंधी परेशानी आ रही है, जिनका रिश्ता टूटने की कगार तक पहुंच चुका है वे छह मुखी रूद्राक्ष अवश्य धारण करें।
- सात मुखी रूद्राक्ष गले में धारण करने से शनि, मंगल की पीड़ा दूर होती है। इससे बृहस्पति को बल मिलता है। बृहस्पति मजबूत होने से विवाह का संकट दूर होता है। सात मुखी रूद्राक्ष मूलत: शनि का रूद्राक्ष माना गया है। इसलिए शनि की शांति करने के लिए भी इस रूद्राक्ष को धारण किया जाता है।
- विवाह संबंधी सभी समस्याओं का निराकरण 13 मुखी रूद्राक्ष से हो जाता है। इस रूद्राक्ष से जन्मकुंडली के सप्तम भाव को बल मिलता है। सप्तम भाव की मजबूती विवाह के लिए आवश्यक है।
छह मुखी रूद्राक्ष
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