क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

गणपति अथर्वशीर्ष के नियमित पाठ से दूर होते हैं सारे संकट

By Pt. Gajendra Sharma
Google Oneindia News

नई दिल्ली। प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश समस्त विघ्न बाधाओं का नाश करने वाले देवता हैं। इन्हीं को समर्पित एक वैदिक प्रार्थना है गणपति अथर्वशीर्ष। इसमें भगवान श्रीगणेश में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास मानते हुए जीवन के समस्त दुखों को हरने की प्रार्थना की गई है। इसके पाठ से एक अद्भुत तरह के मेडिटेशन यानी ध्यान की अवस्था प्राप्त होती है। यह एक ऐसा चमत्कारिक स्तोत्र है जिसका नियमित पाठ करने से जीवन के समस्त संकटों का नाश हो जाता है। यह पाठ करने वाले व्यक्ति को मानसिक मजबूती देता है, जिससे वह एकाग्र होकर अपने काम कर पाता है और इसी से उसे प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है। इसके पाठ से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। आइए जानते हैं गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ के लाभ।

ये हैं पाठ के लाभ

ये हैं पाठ के लाभ

- गणपति अथर्वशीर्ष का कम से कम एक पाठ नियमित करने से शरीर की आंतरिक शुद्धि होती है। इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

- गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ से मानसिक शांति और मानसिक मजबूती मिलती है। इससे दिमाग स्थिर रहते हुए सटीक निर्णय लेने के काबिल बनता है।
- इसके नियमित पाठ से शरीर के सारे विषैले तत्व बाहर आ जाते हैं। शरीर में एक विशेष तरह की कांति पैदा होती है।
- जीवन में स्थिरता आती है। कार्यों में बेवजह आने वाली रूकावटें दूर होती हैं।

गणपति अथर्वशीर्ष से शांत होते हैं अशुभ ग्रह

गणपति अथर्वशीर्ष से शांत होते हैं अशुभ ग्रह

- जिन लोगों की जन्मकुंडली में चंद्र के साथ पाप ग्रह राहु, केतु और शनि बैठे हों उनका जीवन संकटपूर्ण रहता है। ऐसे लोगों को हर दिन गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना ही चाहिए।

- इसके पाठ से अशुभ ग्रह शांत होते हैं और भाग्य के कारक ग्रह बलवान होते हैं।
- बच्चों और युवाओं का मन यदि पढ़ाई से उचट गया है या पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें इसका पाठ रोज करना चाहिए।
- आर्थिक सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए भी गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए।

 कैसे करें पाठ

कैसे करें पाठ

- गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने के लिए प्रतिदिन अपने पूजा स्थान या किसी शुद्ध स्थान पर स्नानादि करके शांत मन से बैठ जाएं। रीढ़ एकदम सीधी रखते हुए बैठें और पाठ करें। इसका पाठ करने के लिए किसी पूजा की आवश्यकता नहीं होती। भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा या फोटो सामने ना हो तो भी चलेगा।
- इसका पाठ नियमित करना चाहिए, लेकिन प्रत्येक माह आने वाले विशेष दिन जैसे संकष्टी चतुर्थी के दिन शाम के समय 21 पाठ करना चाहिए।
- गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ के साथ यदि एक माला ऊं गं गणपतये नम: की जपी जाए तो और भी अधिक लाभदायक होता है।
- इसका पाठ महिलाओं के लिए भी बहुत लाभदायक होता है लेकिन वे अपनी माहवारी के दौरान इसका पाठ ना करें।

Comments
English summary
reciting of ganpati atharvsheersh will solve all your problems
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X