अपनी कुंडली देखकर स्वयं जानिए कौन है आपके भाग्य का ग्रह
नई दिल्ली। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में धन, संपदा, सुख, समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य, आयु और सुखी परिवार चाहता है। कई लोगों की यह ख्वाहिश पूरी हो जाती है और कई लोग जीवनभर भटकते रहते हैं लेकिन वे कुछ भी हासिल नहीं कर पाते। ऐसा क्यों होता है कि कुछ लोगों को बैठे-बिठाए सबकुछ मिल जाता है और कुछ लोगों को कड़ी दौड़-धूप करने के बाद भी हाथ खाली रह जाते हैं। वैदिक ज्योतिष में देखा जाए तो इसे ही भाग्य कहते हैं। जी हां, भाग्य साथ देता है तो जीवन की मुश्किलें आसान हो जाती हैं और भाग्य रूठा रहता है तो जिंदगी कष्टों से भरी रहती है। यदि आप भी अपने भाग्य को चमकाना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वयं अपनी जन्मकुंडली में देख सकते हैं कि आपके भाग्य को चमकाने वाला प्रतिनिधि ग्रह कौन सा है और उसे कैसे प्रसन्न् किया जा सकता है ताकि आप भी भाग्यवान बन सकें।
जन्मकुंडली का नवम भाव भाग्य भाव
जन्मकुंडली का नवम भाव भाग्य भाव कहलाता है। आपका भाग्य खोलने वाला ग्रह कौन सा है यह नवम भाव की राशि को देखकर तय किया जाता है। नवम भाव में जो राशि होती है राशि का स्वामी जो ग्रह होता है वही आपका भाग्य ग्रह होगा। उदाहरण के लिए यदि नवम स्थान में अंक 1 लिखा हुआ है तो इस भाव की राशि मेष हुई। मेष राशि का स्वामी मंगल होता है। इसलिए आपके लिए मंगल ही आपका भाग्य ग्रह हुआ। यानी आप मंगल को प्रसन्न् करने के उपाय करेंगे तो आपका भाग्य खुल जाएगा। नवम भाव की राशि के स्वामी ग्रह का रत्न पहनने से भी भाग्य चमकता है।
कौन सी राशि के लिए क्या पहनें
1. मेष : मूंगा
2.
वृषभ
:
हीरा
या
ओपल
3.
मिथुन
:पन्ना
4.
कर्क
:मोती
5.
सिंह
:माणिक
6.
कन्या
:पन्ना
7.
तुला
:हीरा
या
ओपल
8.
वृश्चिक
:मूंगा
9.
धनु
:
पुखराज
10.
मकर
:नीलम
11.
कुंभ
:
नीलम
12.
मीन
:
पुखराज
जानवरों, परिंदों की सेवा से भी खुलता है भाग्य
भाग्य खोलने में जानवर और परिंदों की सेवा करना भी अहम है। मछलियों को प्रतिदिन आटे की गोलियां बनाकर खिलाने से, चीटिंयों के बिल में शक्कर मिला हुआ आटा रखने से, कुत्तों को प्रतिदिन ताजी बनी रोटी खिलाने से और गायों को रोटी और हरा चारा खिलाने से भाग्य साथ देने लगता है। किसी निशक्त और बीमार जानवर की इलाज करवाने से सभी ग्रह प्रसन्न् होते हैं।