क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Navratri 2020: जानिए नवरात्रि में क्या है 'नवार्ण मंत्र' के फायदे?

By Pt. Gajendra Sharma
Google Oneindia News

नई दिल्ली। शक्ति उपासना का पर्व शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। देवी भगवती को प्रसन्न करके उनकी अनुकंपा प्राप्त करने के लिए साधक अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार अनेक प्रकार के प्रयास करते हैं। इनमें व्रत, उपवास, मंत्र जप, तप, हवन, पाठ, तांत्रिक क्रियाएं आदि शामिल हैं। इन्हीं में से एक है देवी के नवार्ण मंत्र का जाप। नवार्ण अर्थात् नौ वर्णो वाले इस मंत्र के जाप से सभी नौ ग्रह नियंत्रित होकर साधक को समस्त प्रकार की सिद्धियां प्रदान करते हैं।

जानिए नवरात्रि में क्या है नवार्ण मंत्र के फायदे?

कहा जाता है नवरात्रि के दौरान ब्रह्मांड के सारे ग्रह एकत्रित होकर सक्रिय हो जाते हैं, जिनका प्रभाव संपूर्ण सृष्टि पर होता है। नौ ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाती है। लेकिन यदि साधक केवल एक मंत्र 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे' का नौ दिनों तक जाप करे तो नौ ग्रहों को अपने अनुकूल बना सकता है। इससे होता यह है किआपकी कुंडली में बुरे प्रभाव दे रहा ग्रह भी अनुकूल हो जाता है और उसका शुभ प्रभाव आपको मिलने लगता है।

नौ वर्णो वाले नवार्ण मंत्र के एक-एक अक्षर का संबंध देवी दुर्गा की एक-एक शक्ति से जोड़ा गया है...

  • नवार्ण मंत्र का पहला अक्षर ऐं है । यह सूर्य ग्रह को नियंत्रित करता है। ऐं का संबंध देवी के पहले स्वरूप शैलपुत्री है। इसकी उपासना नवरात्रि के प्रथम दिन की जाती है। ऐं के प्रभाव से मनुष्य के जीवन में सूर्य का शुभ प्रभाव देखने को मिलता है। जिससे मान-सम्मान, ऐश्वर्य, तेज, आकर्षण प्रभाव में वृद्धि होती है। सूर्य के प्रभाव से जातक सर्वप्रिय हो जाता है।
  • नवार्ण मंत्र का दूसरा अक्षर है ह्रीं। यह चंद्र को नियंत्रित करता है। इसका संबंध देवी की दूसरी शक्ति ब्रह्मचारिणी से है। ह्रीं के प्रभाव से मनुष्य के जीवन में चंद्रमा का शुभ प्रभाव देखने को मिलता है। इसके फलस्वरूप मानसिक सुख-शांति, सौंदर्य प्राप्त किया जा सकता है। चंद्र शुभ हो तो मनुष्य को विदेशी कार्यो से सफलता दिलाता है। धन संपत्ति प्राप्त होती है।
  • तीसरा अक्षर क्लीं है। यह मंगल को नियंत्रित करता है। शक्ति चंद्रघंटा है।
  • चौथा अक्षर चा है। यह बुध ग्रह को अनुकूल बनाता है। शक्ति कुष्मांडा है।
  • पांचवां अक्षर मुं है। यह बृहस्पति को शुभ बनाता है। शक्ति स्कंदमाता है।
  • छठा अक्षर डा है। इससे शुक्र का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है। शक्ति कात्यायनी हैं।
  • सातवां अक्षर यै है। शनि ग्रह को अनुकूल करता है। शक्ति कालरात्रि है।
  • आठवां अक्षर वि है। राहू के शुभ प्रभाव दिलाता है। शक्ति महागौरी है।
  • नवां अक्षर चै है। केतु के बुरे प्रभाव दूर होते हैं। शक्ति सिद्धिदात्री है।

कैसे करें नवार्ण मंत्र का जाप

  • नवार्ण मंत्र का जाप नवरात्रि के प्रथम दिन से प्रारंभ करके नवमी तक प्रतिदिन करना चाहिए।
  • प्रत्येक दिन कम से कम नौ-नौ माला माला इस मंत्र का जाप करें।
  • जाप के लिए रूद्राक्ष, स्फटिक, लाल मूंगा, या काली गूंजा के दानों की माला का प्रयोग करें।
  • पूजा स्थान में पूर्व दिशा में मुंह करके बैठें। लाल आसन होना चाहिए। सामने देवी की मूर्ति या चित्र रखें।
  • तेल का दीपक संपूर्ण मंत्र जाप के दौरान प्रज्जवलित रहे। सुगंधित धूप जलती रहे।
  • देवी को मिष्ठान्न कर नैवेद्य लगाएं।
  • नवार्ण मंत्र के प्रारंभ में ऊं लगा देने से यह दशाक्षर मंत्र बन जाता है, जिसका जाप विजयादशमी के दिन भी किया जा सकता है।
  • नवमी के दिन नवार्ण मंत्र के दशांश का हवन करना चाहिए। अर्थात् नौ दिनों में कुल मंत्र जप की संख्या जितनी होगी उसका 10वां अंश संख्या हवन करें।

यह पढ़ें: जानिए कैसे मां दुर्गा का वाहन बना सिंह, क्यों कहलाती हैं वो शेरावाली?यह पढ़ें: जानिए कैसे मां दुर्गा का वाहन बना सिंह, क्यों कहलाती हैं वो शेरावाली?

Comments
English summary
The Navarna Mantra helps to eliminate the hurdles of chanter's life and increase chanter's special importance in the world.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X