Ravi Pushya Yoga (17th November) : रवि पुष्य, रवि योग और बुध उदय का संयोग 17 नवंबर को
नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार वर्ष के कुछ ही दिन ऐसे होते हैं जिनमें एक साथ अनेक शुभ योग आते हैं। वे शुभ योग मनुष्य के जीवन की अनेक परेशानियों को दूर करने के साथ ही उन्हें अनेक सुखों की प्राप्ति करवाते हैं। ऐसा ही एक अत्यंत शुभ दिन आ रहा है 17 नवंबर 2019, रविवार। इस दिन रविवार के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग होने के कारण रवि-पुष्य योग बना है जो स्थायी सुख-संपत्ति के लिए शुभ माना जाता है। दूसरा योग है रवियोग। इस दिन रवियोग का निर्माण भी हुआ है जिसमें किए गए कार्य तुरंत सफल होते हैं। तीसरा योग है इस दिन बुध का उदय हो रहा है। बुध ज्ञान, बुद्धि, विवेक, संयम और व्यापार-व्यवसाय का प्रतिनिधि ग्रह है। इसलिए बुध का उदय होना शुभ संयोग है। इस प्रकार रवि पुष्य, रवि योग और बुध का उदय जैसे तीन-तीन शुभ संयोग के एक ही दिन आने से महाप्रभावशाली दिन बन गया है।
आइए जानते हैं इस दिन क्या कार्य किए जाएं और कैसे मिलेगी सफलता
रवि पुष्य और रवि योग में क्या करें
- रवि पुष्य नक्षत्र खरीदारी करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। यदि आप स्थायी संपत्ति सुख पाना चाहते हैं तो इस दिन अपने भूमि, भवन, संपत्ति से जुड़े सौदे जरूर करें। इस दिन मकान, वाहन खरीदने से वह सुख स्थायी होने के साथ ही उसमें वृद्धि भी होती जाती है।
- यदि आपके जीवन में आर्थिक संकट चल रहा है। पैसों की बचत नहीं हो पा रही है। लगातार खर्च बने हुए हैं तो रवि पुष्य नक्षत्र के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होने के बाद अपने पूजा स्थान में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करके उन्हें पीले पुष्प अर्पित करें। मखाने की खीर का नैवेद्य लगाएं और श्रीसूक्त के 7 पाठ करें। इससे धीरे-धीरे आपके खर्च में कमी आती जाएगी और पैसों की बचत होने लगेगी।
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संपत्ति और स्वर्ण के भंडार बढ़ते हैं
- रवि पुष्य नक्षत्र वैवाहिक कार्यों के लिए भी शुभ माना गया है। विवाह संबंधी कार्य भी इस दिन किए जा सकते हैं।
- रवि पुष्य और रवि योग के संयोग में एक स्वर्ण का छोटा सा चौकोर टुकड़ा खरीदकर लाएं और उसकी कुमकुम से पूजा करके अपने घर में रखें। संपत्ति और स्वर्ण के भंडार बढ़ने लगेंगे।
- रवि पुष्य के संयोग में दिव्य औषधि सेवन भी किया जाता है। इस दिन रोगियों की अच्छी सेहत के लिए आयुर्वेदाचार्य औषधि सेवन करवाते हैं।
बुध उदय का क्या होगा असर
5 नवंबर से अस्त चल रहा बुध 17 नवंबर को उदय होगा। 12 दिन के अस्त काल में इसका प्रभाव प्रत्येक राशियों को मिलना कम या लगभग बंद हो गया था। 17 नवंबर को उदय होते ही इस ग्रह का शुभ प्रभाव समस्त राशि के जातकों को मिलने लगेगा। जिन लोगों के लेखन, शिक्षा संबंधी कार्य अटके हुए थे वे अब पूरे होंगे। व्यापारियों के कारोबार में मंदी का दौर चल रहा था वह दूर होगा। बुध अस्त के दौरान लोगों की निर्णय क्षमता भी कमजोर हो जाती है। वे निर्णय लेने में अनावश्यक देरी करने लगते हैं। बुध उदय होने से निर्णय लेने में तेजी आएगी और अपने अनुकूल अच्छे निर्णय ले पाएंगे।
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