खास है कार्तिक एकादशी, विवाह में आ रही बाधा होती है दूर
नई दिल्ली। आजकल की सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है उचित और योग्य जीवनसाथी तलाशना। आजकल के कई युवा अपना कॅरियर बनाने के लिए चक्कर में विवाह देरी से करना चाहते हैं। ऐसे में उनकी विवाह की उम्र निकल जाती है और फिर योग्य साथी नहीं मिल पाता है। कई बार इसमें युवक-युवतियों की कुंडली के ग्रह दोष भी जिम्मेदार होते हैं। जिन लोगों के विवाह में बाधा आ रही है उनके लिए कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की रमा एकादशी बहुत महत्वपूर्ण होती है। रमा का अर्थ होता है, रमणीय या प्रेमपूर्ण। इस एकादशी पर विवाह की बाधा दूर करने के अनेक उपाय किए जाते हैं। यह एकादशी 24 अक्टूबर को आ रही है।
आइए जानते हैं रमा एकादशी पर कौन-से उपाय किए जाना चाहिए...
मंगल दोष
- मंगल दोष के कारण जिन युवक-युवती के विवाह में बाधा आ रही हो, वे कार्तिक माह की दोनों एकादशियों के दिन शिवलिंग पर गंगाजल में कच्चा दूध, मिश्री और गुलाब का फूल डालकर अर्पित करें। इससे मंगल से जुड़े दोष समाप्त होते हैं।
- जन्म कुंडली में पितृ दोष या ग्रहण दोष के कारण भी विवाह में विलंब होता है। यदि आपकी कुंडली में इस प्रकार का कोई दोष है तो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि से प्रारंभ करके अमावस्या तक हर दिन शाम के समय किसी नदी या तालाब में पीपल के पत्तों पर बत्ती रखकर दीप दान करें।
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दांपत्य जीवन में आ रही परेशानियों का अंत होता है
दोनों एकादशियों के दिन देवी मका ध्यान, पूजन, जप करने से न केवल विवाह की रूकावटें खत्म होती हैं, बल्कि दांपत्य जीवन में आ रही परेशानियां भी समाप्त हो जाती हैं।
लिता सहस्रनाम का पाठ करें
- रमा एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करें। श्रीविष्णु को पीले और मां लक्ष्मी को लाल गुलाब के पुष्पों से श्रंगार करें। ललिता सहस्रनाम का पाठ करने से विवाह समेत जीवन की अन्य सभी बाधाएं दूर होती हैं।
- एकादशी के दिन शिव-पार्वती का पूजन सायंकाल प्रदोषकाल में करने से विवाह की बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में संतोष, सुख की प्राप्ति होती है।
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