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Palmistry: हस्तरेखा में भी होते हैं राजभंग योग, जानिए किन स्थितियों में बनते हैं
नई दिल्ली, 06 जुलाई। वैदिक ज्योतिष की तरह हस्तरेखा शास्त्र में राजभंग योग का विस्तार से वर्णन मिलता है। यह अलग-अलग रेखाओं और चिह्नों से मिलकर बनते हैं। राजभंग योग शुभ नहीं माना जाता है। हथेली में चाहे कितने भी अच्छे और प्रबल योग हों किंतु यदि राजभंग योग है तो सदैव, दुखी, परेशान, चिंतित और दरिद्रता में जीवन व्यतीत करता है।
आइए जानते हैं कैसे बनता है राजभंग योग-

ये हैं राजभंग योग के कुछ उदाहरण
- यदि अंगुलियों की गांठें फूली हुई हों तथा लगभग बाहर की ओर निकली हुई हों।
- सभी अंगुलियां चपटी हों तथा तर्जनी पर सफेद बिंदु हो।
- यदि नाखूनों के अग्र भाग चपटे तथा अंदर की ओर धंसे हुए हों।
- यदि अंगूठे के पहले पेर पर 3-4 लंबी रेखाएं हों।
- यदि अंगुलियों के अग्रभाग आगे की ओर झुके हुए हों।
- यदि चंद्र पर्वत पर दो त्रिकोण हों तथा दोनों के बीच में बिंदु का चिह्न हो।
- शुक्र पर्वत हथेली के बाहर की ओर निकला हुआ हो।
- स्वास्थ्य रेखा से कई पतली रेखाएं निकलकर नीचे की ओर जा रही हों।
- मस्तिष्क रेखा कमजोर हो तथा उस पर काले बिंदु हों।
चातुर्मास
से
पूर्व
विवाह
का
आखिरी
शुभ
मुहूर्त
भड़ली
नवमी
8
जुलाई
को
- गुरु तथा सूर्य की रेखाएं लहरदार हों।
- सभी अंगुलियों के प्रथम पोर पर नक्षत्र के चिह्न हों।
- बुध पर्वत पर जाली का चिह्न हो तथा प्रथम पर्व पर बिंदु हो।
- शनि पर्वत पर एक-दूसरे को काटती हुई अस्त-व्यस्त रेखाएं हों।
- मस्तिष्क रेखा जंजीरदार हो।
- बृहस्पति और शनि पर्वत के बीच चक्र का चिह्न हो।
- यदि जीवन रेखा चंद्र पर्वत की ओर झुक रही हों तथा तर्जनी पर तारे का चिह्न हो।
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English summary
There are Rajbhanga yogas in palmistry, know in which situations it is formed. details here.
Story first published: Wednesday, July 6, 2022, 7:00 [IST]
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