Raj Rajeshwar Yoga: क्या आपकी कुंडली में है राज राजेश्वर योग?
नई दिल्ली। वैदिक ज्योतिष के सबसे शुभ और भाग्यशाली योगों में से एक है 'राज राजेश्वर योग"। यह योग एक प्रकार का राजयोग है। जिस जातक की कुंडली में यह योग होता है उस जातक के पास धन, संपत्ति, ऐश्वर्य, भोग विलास के तमाम साधन होते हैं और वह राजाओं के समय जीवन व्यतीत करता है। ऐसा जातक सूर्य के प्रभाव से विश्व में ख्याति अर्जित करता है, वहीं चंद्र के कारण बहुत अच्छे स्वभाव का मालिक होता है, जिसके कारण प्रत्येक व्यक्ति ऐसे जातक का सम्मान करता है। इस योग के प्रभाव से जातक बुद्धिमान और रचनात्मक होता है। सरकारी नौकरी में बड़े पदों पर भी राज राजेश्वर योग वाला जातक देखा गया है। जिस जातक की कुंडली में राज राजेश्वर योग होता है उसका पारिवारिक जीवन भी अत्यंत सुखद होता है और वह परिजनों के साथ खुशनुमा जिंदगी व्यतीत करता है।
कैसे बनता है राज राजेश्वर योग
वैदिक ज्योतिष के अनुसार राज राजेश्वर योग तब बनता है जब जन्मकुंडली में बृहस्पति की राशि मीन में सूर्य हो और चंद्र स्वराशि कर्क में हो। दोनों ग्रह शुभ स्थिति में हो और कुंडली के चौथे, आठवें और 12वें भाव में ना हो।
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योग के पूर्ण लाभ के लिए क्या करें
सूर्य की मजबूती के लिए : राज राजेश्वर योग के पूर्ण लाभ के लिए सूर्य और चंद्र को मजबूत बनाए रखना आवश्यक है। सूर्य के पूरे पॉवर का उपयोग करने के लिए प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पित करें और आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ नियमित करें। लाल चंदन की माला गले में धारण करके रखें। ज्योतिषी की सलाह से सोने में माणिक भी धारण किया जा सकता है।
चंद्र की मजबूती के लिए
प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध और जल अर्पित करें। प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर सफेद चंदन से ऊं लिखकर एक मुठ्ठी अक्षत अर्पित करें। सोमवार के दिन सफेद कपड़े पहनें। सोमवार को रात्रि के समय दूध, दही, चावल का सेवन न करें। शिवजी की नियमित पूजा करने से सूर्य और चंद्र दोनों मजबूत होते हैं।
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