Rahu-Ketu Effect: राहु-केतु का महापरिवर्तन 23 सितंबर को, जानिए क्या होगा असर?
नई दिल्ली। एक राशि में 18 महीने भ्रमण करने वाले राहु और केतु 23 सितंबर 2020 बुधवार को अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। राहु और केतु दोनों ग्रह विपरीत दिशा में गोचर करते हैं इसलिए ये जब भी राशि परिवर्तित करते हैं पिछली राशि में चले जाते हैं। इस प्रकार राहु मिथुन से वृषभ राशि में जाएंगे और केतु धनु से वृश्चिक में चले जाएंगे। इन दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन से सभी राशियां प्रभावित होंगी। चूंकि राहु वृषभ राशि में उच्च का होता है, इसलिए यहां यह दोगुने प्रभाव देगा। अर्थात् यदि किसी राशि के लिए यह शुभ है तो उसे दोगुना शुभ फल देगा और यदि किसी के लिए विपरीत है तो उसके जीवन में दोगुनी परेशानियां आ सकती हैं।
मेष राशि: मेष राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर दूसरे भाव में होने जा रहा है। यह धन स्थान होता है। यहां राहु के आने से आपको धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कारोबारी और नौकरीपेशा लोगों को आर्थिक समस्याएं आ सकती हैं। अचानक कहीं बड़ी धनराशि खर्च करने की नौबत आ सकती है। यहां राहु के आने से आपकी वाणी में कठोरता आएगी, जो परिजनों से, मित्रों से आपके संबंधी बिगड़वाएगा।
उपाय: राहु की पीड़ा से बचने के लिए राहु के मंत्रों का जाप करें।
वृषभ राशि: राहु इसी राशि में आ रहा है। लग्न भाव में राहु आने से आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहेगा, लेकिन आपके प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होने वाली है। आपकी निर्णय क्षमता प्रभावित होने से आप सटीक निर्णय लेने से चूक सकते हैं। इसलिए यदि कोई महत्वपूर्ण फैसला लेना है तो परिवार के अनुभवी लोगों की मदद जरूर लें। इस दौरान आपको चारीत्रिक शुद्धता रखना आवश्यक होगा वरना कोई लांछन आप पर लग सकता है।
उपाय: राहु की पीड़ा से बचने के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें।
आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी
मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर द्वादश भाव में होने वाला है। बारहवां भाव व्यय स्थान होता है और यहां राहु का प्रभाव शुभ नहीं माना जाता है। गोचर के डेढ़ वर्ष के दौरान आपके कार्य में परिवर्तन, स्थानांतरण और राजकीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यापारियों के कार्य में शिथिलता आएगी। काम में मन नहीं लगेगा। पुराने रोग सामने आ सकते हैं। आकस्मिक किसी बड़े खर्च की स्थिति बन सकती है। स्वयं और परिजनों की सेहत का विशेष ध्यान रखें।
उपाय: भगवान गणेश को प्रसन्न करें, संकटनाशन स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से करें।
कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर एकादश भाव में होने वाला है। ग्यारहवां भाव आय का स्थान होता है। यहां राहु का आना कुछ मामलों में शुभ माना जाता है। गोचर के दौरान आपकी आय में वृद्धि होगी, आय के नए स्रोत मिलने की संभावना है। पुराने कार्यों को नए सिरे से प्लान बनाकर करेंगे तो लाभ देगा। आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। कार्यों में लाभ और सफलता मिलने से उत्साह से भरे रहेंगे। सोचे सभी कार्य आसानी से होंगे।
उपाय: राहु की शांति के लिए फलदार पौधे लगाकर उनकी सेवा करें।
सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर दशम भाव में होने वाला है। यह कर्म स्थान होता है और इससे आजीविका की जानकारी ली जाती है। यहां राहु का गोचर आपको नौकरी में पद और पैसा दोनों दिलवाएगा। बिजनेस में भी लाभदायक स्थितियां बनेंगी। आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी। हालांकि इस दौरान आपकी वाणी कठोर हो सकती है। क्रोध पर काबू रखें। आर्थिक समस्याएं आएंगी लेकिन आप उन्हें सूझबूझ से हल कर लेंगे।
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उपाय: प्रतिदिन सूर्य को जल का अर्घ्य दें। गायत्री मंत्र का जाप करें।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर नवम भाव में होगा। यहां राहु सीधे तौर पर भाग्य को प्रभावित करता है। आपको कार्यक्षत्र में परेशानी आ सकती है। व्यापारियों को सीधा लाभ नहीं मिलेगा। कार्यों में रूकावट की स्थिति बनेगी। पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल मच सकती है इसलिए संयम से काम लें। बेवजह किसी बात को बड़ा न बनाएं। हालांकि आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। राहु आपको धर्म-अध्यात्म की ओर प्रवृत्त कर सकता है।
उपाय: भगवान गणेश को प्रत्येक बुधवार को दूर्वा अर्पित करें।
राहु का गोचर संबंधों में कड़वाहट पैदा करेगा
तुला राशि: तुला राशि के अष्टम भाव में राहु का आना शुभ नहीं कहा जा सकता है। यहां राहु नित नई परेशानियां खड़ी करता है। नई चुनौतियां, नए खर्च की स्थिति बनाता है। पारिवारिक विवाद, अपनों से अलगाव, जीवनसाथी से कटु व्यवहार जैसी स्थितियां बनती हैं। कार्यक्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सलाह है कि फिलहाल तीन महीने तक कोई नया काम प्रारंभ ना करें, लाभ की संभावना नहीं है। स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी होगा। लापरवाही भारी पड़ सकती है।
उपाय: राहु की पीड़ा शांत करने के लिए महामृत्युंजय मंत्रों का जाप करते रहें।
वृश्चिक राशि:वृश्चिक राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर सप्तम भाव में होने वाला है। यह भाव विवाह और बिजनेस में पार्टनरशिप का भाव है। यहां राहु का गोचर संबंधों में कड़वाहट पैदा करेगा। जीवनसाथी के साथ अलगाव जैसी स्थिति रहेगी। पार्टनरशिप में कोई काम कर रहे हैं तो सतर्क रहें, धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। इस दौरान नौकरीपेशा और व्यावसायी वर्ग को सफलता तो मिलेगी लेकिन यहां भी आपको पीछे खींचने वाले बहुत से लोग रहेंगे। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।
उपाय: भगवान शिव के मंगलनाथ स्वरूप का नित्य दर्शन करें।
धनु राशि: धनु राशि के लिए राहु का गोचर कुंडली के छठे भाव में होगा। यह रोग और शत्रु का स्थान होता है। यहां राहु शुभ परिणाम देता है। अर्थात् संभव है कि आप शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर लें। कोर्ट-कचहरी के मुकदमों में लाभ मिले या संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद का निपटारा आपके पक्ष में हो। यहां राहु के आने से स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकता है। हालांकि आपको अपने कार्य स्थल पर सावधानी बरतने की आवश्यकता है। किसी षड्यंत्र का शिकार हो सकते हैं।
उपाय: भगवान काल भैरव के मंदिर में प्रत्येक शनिवार या सोमवार को दर्शन करें।
नौकरीपेशा लोगों को लाभ मिलने की संभावना
मकर राशि:आपकी राशि के लिए राहु का गोचर पंचम भाव में होगा। यह स्थान प्रेम और संतान का भाव होता है। आपको दोनों ही प्रकार के परिणाम मिलेंगे। आपकी संतान की ओर से शुभ समाचार मिलेंगे। प्रेम संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है लेकिन जल्द ही मामले सुलझ जाएंगे। जीवनसाथी के साथ तालमेल ठीक रहेगा। कार्यक्षेत्र में परेशानियां आने की संभावना हैं, सतर्क रहें। इस दौरान आर्थिक समस्याएं भी आ सकती हैं। खर्च में वृद्धि होगी। बिजनेस प्रभावित होगा।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को गरीबों को अन्नदान करें।
कुंभ राशि:कुंभ राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर चतुर्थ भाव में होने वाला है। यह सुख का स्थान है। राहु के आने से आपके सुखों में कमी आ सकती है। चलते हुए काम ठप पड़ जाएंगे। इस दौरान आप मानसिक तनाव महसूस करेंगे। धन की कमी महसूस होगी। नौकरीपेशा और बिजनेस में मनमुताबिक सफलता नहीं मिलेगी। माता का स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है। संतान से संबंधित समस्याएं सामने आ सकती हैं। स्वयं के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।
उपाय: प्रत्येक शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें।
मीन राशि: राहु का गोचर मीन राशि जातकों के लिए सामान्य है। आपकी कुंडली के तीसरे भाव में राहु का गोचर पारिवारिक जीवन सुखद बनाएगा। परिवार का सहयोग मिलने से आप प्रत्येक कार्य में सफलता अर्जित करेंगे। निर्णय क्षमता मजबूत होने से स्वयं और परिवार के हित में बेहतर निर्णय ले पाएंगे। इस दौरान आपके सुखों में वृद्धि होने वाली है। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। नया बिजनेस प्रारंभ करना चाहते हैं तो जरूर करें, लाभ होगा। नौकरीपेशा लोगों को लाभ मिलने की संभावना है।
उपाय: प्रतिदिन देवी दुर्गा के समझ दीपक लगाकर चालीसा का पाठ करें।
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