दीपावली से पांच दिन पहले आ रहा है पुष्य नक्षत्र, जानिए कैसा रहेगा यह महा-मुहूर्त
नई दिल्ली। नक्षत्रों का राजा कहा जाने वाला नक्षत्र पुष्य इस बार दीपावली से पांच दिन पहले आ रहा है। दीपावली 27 अक्टूबर 2019 को है और पुष्य नक्षत्र 21 और 22 अक्टूबर को रहेगा। इन दोनों दिनों में मिलाकर पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग कुल 23 घंटे 7 मिनट का रहेगा। यह संयोग स्वर्ण, आभूषण, भूमि, भवन, शेयर, बांड, म्युचुअल फंड आदि खरीदने के लिए सबसे उत्तम होता है। वैसे तो पुष्य नक्षत्र का संयोग गुरुवार और रविवार को आना सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन कार्तिक माह में दीपावली से पहले यह नक्षत्र जिस भी वार को पड़े उसे शुभ बना देता है। 21 अक्टूबर को सोमवार होने से सोम पुष्य और 22 अक्टूबर को मंगलवार होने से भौम पुष्य का संयोग बना है।
पुष्य नक्षत्र 21 अक्टूबर सोमवार को सायं 5.31 बजे प्रारंभ होगा
पुष्य नक्षत्र 21 अक्टूबर सोमवार को सायं 5.31 बजे प्रारंभ होगा जो 22 अक्टूबर मंगलवार को सायं 4.38 बजे तक रहेगा। सोमवार के दिन सोम पुष्य संयोग में सोना, चांदी, आभूषण, वस्त्र, बर्तन, गृहस्थी की वस्तुएं, भौतिक सुख साधन, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन, मशीनरी आदि की खरीदी शुभकारी रहेगी। जबकि मंगलवार को भौम पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से मकान, दुकान, जमीन, स्थायी संपत्ति की खरीदारी और निवेश के लिए मंगलकारी योग रहेगा।
शुभ संयोग
दोनों दिन पुष्य नक्षत्र के साथ अन्य शुभ संयोग भी रहेंगे। 21 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र के साथ रात्रि 10.26 बजे तक सिद्ध योग रहेगा, जबकि 22 अक्टूबर को पुष्य के साथ सायं 7.54 बजे तक साध्य योग रहेगा। इसके बाद शुभ नामक योग प्रारंभ होगा। इन संयागों में खरीदी फलदायी और शुभ होती है तथा घर परिवार की समृद्धि में वृद्धि करने वाली होती है।
क्यों है पुष्य नक्षत्र शुभ
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति और दिशा प्रतिनिधि देव शनि हैं। बृहस्पति शुभता, बुद्धिमता और शनि स्थायित्व का प्रतीक हैं। इन दोनों का योग मिलकर पुष्य नक्षत्र को शुभ और चिर स्थायी बना देता है। पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। पुष्य को समृद्धिदायक और शुभ फल प्रदान करने वाला नक्षत्र बताया गया है।
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