2018 में भी जारी रहेगी प्रधानमंत्री मोदी की सफलता की यात्रा
नरेंद्र मोदी का जन्म शनि की महादशा में हुआ है और वर्तमान में उन्हें चंद्र की महादशा में बुध की अंतर्दशा चल रही है, जो 30 सितंबर 2017 से प्रारंभ हुई है और 2 मार्च 2019 तक प्रभावी रहेगी। जन्म के समय मोदी की कुंडली में बुध और गुरु वक्री होकर बैठे हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रचलित जन्म तिथि 17 सितंबर 1950, प्रातः 11 बजे गुजरात के मेहसाणा में मानी जाती है। इसके अनुसार उनकी कुंडली वृश्चिक लग्न और वृश्चिक राशि की है। लग्न स्थान में मंगल और चंद्र हैं। चतुर्थ स्थान में कुंभ राशि का गुरु केंद्र में। पंचम स्थान में मीन राशि का राहु। दशम स्थान में सिंह राशि के शुक्र और शनि तथा एकादश स्थान में कन्या राशि के सूर्य, बुध और केतु विराजमान हैं। नरेंद्र मोदी का जन्म शनि की महादशा में हुआ है और वर्तमान में उन्हें चंद्र की महादशा में बुध की अंतर्दशा चल रही है, जो 30 सितंबर 2017 से प्रारंभ हुई है और 2 मार्च 2019 तक प्रभावी रहेगी। जन्म के समय मोदी की कुंडली में बुध और गुरु वक्री होकर बैठे हैं।
नरेंद्र मोदी में साहस, उत्साह और शौर्य है
सबसे पहले बात लग्न से प्रारंभ करते हैं। वृश्चिक लग्न में राशि स्वामी मंगल स्वयं विराजमान हैं। मंगल साहस, शौर्य का प्रतीक है। इससे स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी में गजब का साहस, उत्साह और शौर्य हैं। उनमें किसी भी मुद्दे को लेकर कभी अनिर्णय की स्थिति नहीं रहती है, जो फैसला ले लिया वे उस पर कायम रहते हैं और उसे सही अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेते हैं। मंगल के कारण ही मोदी न सिर्फ देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने में कामयाब हुए हैं, बल्कि पूरी दुनिया में लोकप्रिय और चर्चित हुए हैं। लग्न में ही मंगल का मित्र ग्रह चंद्र भी विराजमान हैं। इससे चंद्र-मंगल के शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस कारण इनके द्वारा लिए गए फैसलों में अन्य लोगों का साथ भी मिलता है, चाहे बाहरी मोर्चे पर कितना भी विरोध का सामना करना पड़े लेकिन कूटनीतिक, राजनीतिक और सामरिक मामलों में मोदी को कोई परास्त नहीं कर सकता। वर्तमान में महादशा भी चंद्र की चल रही है, इसलिए आने वाला समय मोदी के पक्ष में रहेगा।
मोदी पर साढ़ेसाती का प्रभाव
चूंकि प्रधानमंत्री का लग्न और राशि दोनों वृश्चिक है और वर्तमान में वृश्चिक राशि पर शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण चल रहा है। उतरती साढ़ेसाती जातक को कई बार लाभ की स्थिति में पहुंचा देती है। मोदी की कुंडली की बात करें तो केंद्र स्थान दशम में सिंह राशि का शनि मित्र ग्रह शुक्र के साथ विराजमान है। यह पद, प्रतिष्ठा, सम्मान में वृद्धि का संकेत है। आने वाले दो वर्षों में मोदी कई मोर्चों पर अपनी सफलता का परचम फहराने वाले हैं। वर्ष 2017, 2018 और 2019 में आने वाले समस्त चुनावों में मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें बनेंगी। कुछ राज्यों में लंबे समय से बनी हुई एंटी बीजेपी सरकारों की नींव कमजोर होगी। हालांकि इस समय के दौरान नरेंद्र मोदी को पारिवारिक स्थिति में कोई हानि उठानी पड़ सकती है। माता या घर के अन्य वरिष्ठ सदस्यों के स्वास्थ्य का अत्यधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। विरोधी भारी कष्ट पहुंचाने और अस्थिर करने का प्रयास करेंगे, किंतु अनेक मोर्चों पर मोदी के सामने वे पस्त हो जाएंगे।
शुभ ग्रहों से जारी रहेगा मोदी का पराक्रम
बहुत कम लोग जानते हैं कि अपने शुभ ग्रहों के चलते ही नरेंद्र मोदी को इतना महत्वपूर्ण पद मिला और साथ ही देश विदेश घूमने का असीमित मौका। अगर ग्रहों की शुभ स्थिति पर गौर करें तो मोदी की कुंडली में कई शुभ योग बने हुए हैं, जो समय-समय पर उनके उत्थान के साथ-साथ उन्हें परेशानियों और शत्रुओं से भी बचाते हैं। जैसे गजकेसरी योग, मूसल योग, केदार योग, रूचक योग, भेरी योग, चंद्र मंगल योग, नीच भंग योग, अमर योग, शंख योग तथा वरिष्ठ योग।
मंत्रिमंडल पर क्या असर पड़ेगा
मोदी की कुंडली कहती है कि वर्तमान में चंद्र में बुध की अंतर्दशा चल रही है जो 2 मार्च 2019 तक चलेगी। इसके प्रभाव के चलते मोदी के अपने ही सहयोगी उनकी परेशानी का कारण बन सकते हैं। इस समय की दशा कह रही है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा। कई मंत्रियों को विदा किया जा सकता है और नए लोगों पर भरोसा किया जाएगा। आगामी लोकसभा चुनाव की बात करें तो मोदी जो फैसले लेंगे उससे विधायकों और सांसदों में असंतोष के सुर फूटेंगे। भाजपा अपनी ही अंदरूनी कलह से जूझेगी, हालांकि अंतत परिणाम पार्टी के पक्ष में ही आएगा और उसका श्रेय भी मोदी को ही मिलेगा।
देश में बढ़ेगी अस्थिरता
प्रधानमंत्री देश का राजा होता है, इसलिए देश का भविष्य भी राजा के भविष्य पर निर्भर करता है। मोदी की कुंडली के आधार पर वर्ष 2018 का आकलन करें तो देश में आर्थिक मामलों में लिए गए मोदी सरकार के फैसले पूरे देश को प्रभावित करेंगे। आम जन और खासकर निचले स्तर के लोगों का मोदी पर से विश्वास डगमगाएगा और इसका असर आगामी चुनावों पर भी हो सकता है। कृषि और उससे जुड़े व्यवसायों से संबंधी फैसले भी उल्टे पड़ सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर...
प्रधानमंत्री की कुंडली में चतुर्थ के बृहस्पति पर दशम में बैठे शुक्र और शनि की दृष्टि है। इस कारण अंतरराष्ट्रीय मोर्चे मोदी और देश की धाक तो बढ़ेगी, लेकिन कूटनीतिक मामलों में कई बार हमें दूसरों देशों का मुंह तकना पड़ेगा। कुछ रणनीतियां सफल होंगी, जैसे पाकिस्तान और चीन को लेकर जो मसला चल रहा है, उसमें भारत को दुनिया के अन्य देशों का सहयोग मिलेगा। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों के साथ तालमेल बनने से भारत की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।