Planets: इन गलतियों पर दंड देते हैं ग्रह इसलिए रहिए संभल कर
नई दिल्ली। यह बात तो सभी जानते हैं कि आकाशमंडल में व्याप्त समस्त ग्रहों का मनुष्यों के साथ-साथ संपूर्ण प्रकृति, पर्यावरण और जीव-जंतुओं पर प्रभाव पड़ता है। यहां तक कि निर्जीव वस्तुओं पर भी ग्रहों का प्रभाव होता है। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का आधार नौ ग्रह ही होते हैं। कुंडली में कोई ग्रह अशुभ है तो उससे संबंधित बुरे परिणाम व्यक्ति को मिलते हैं और यदि कोई ग्रह शुभ है तो उसके अच्छे परिणाम से व्यक्ति का जीवन संवर जाता है। यह तो बात हुई कुंडली में मौजूद ग्रहों की, लेकिन मनुष्य के कर्म भी उसके ग्रहों के शुभ-अशुभ परिणामों के लिए जिम्मेदार होते हैं। व्यक्ति जिस तरह के बुरे कर्म करता है उसके अनुसार उससे संबंधित ग्रह अशुभ फल देने लगता है और यदि कोई शुभ कार्य करता है तो उससे संबंधित ग्रह भाग्योदयकारक बन जाता है।
आइए जानते हैं किस गलत कार्य को करने के कारण कौन-सा ग्रह बुरा फल देने लगता है...
सूर्य: सूर्य आत्मा का कारक ग्रह है और कुंडली में इसका शुभ होना अत्यंत आवश्यक होता है। जीवन में मान-सम्मान, पद प्रतिष्ठा सूर्य के कारण ही प्राप्त होती है। लेकिन सूर्य तब बुरे परिणाम देने लगता है जब व्यक्ति किसी प्रकार का धन चुराता है। अपनों को ही धोखा देकर उनसे धन छीन लेता है या किसी प्रकार के टैक्स की चोरी करता है। पिता को कष्ट देने वाले व्यक्ति से भी सूर्य नाराज हो जाता है।
चंद्र: चंद्रमा स्त्री स्वभाव का ग्रह है। जब व्यक्ति सम्मानजनक स्त्रियों मां, पत्नी, बेटी, बहन, नानी, दादी, सास या अन्य स्त्रियों का अपमान करता है। उनका धन हड़प लेता है तो उस व्यक्ति की कुंडली में चंद्र चाहे मजबूत हो लेकिन वह अशुभ फल देने लगता है। दूध, दही, घी, मिठाई का अपमान करने से चंद्र की पीड़ा मिलने लगती है।
मंगल के बुरे परिणाम
- मंगल: जो व्यक्ति अपने भाई से झगड़ा करता है। धोखे से भाई की संपत्ति पर कब्जा कर ले। भाई की पत्नी-बच्चों का अपमान करे। किसी अन्य की संपत्ति पर बुरी नजर रखे तो मंगल के बुरे परिणाम भोगने के लिए तैयार रहना चाहिए। किसी व्यक्ति या पशुओं को शारीरिक हानि पहुंचाने वाले से भी मंगल नाराज हो जाते हैं।
- बुध: हरा चारा खाती हुई गाय को मारकर भगाए, पक्षियों की हत्या करे, अपनी बहन, बेटी, बुआ, साली एवं मौसी का अपमान करे उन्हें कष्ट दे तो उसे व्यक्ति का बुध अशुभ फल देने लगता है। किन्नर की हंसी उड़ाने से भी बुध नाराज हो जाता है।
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जब शनि नाराज हो जाते हैं...
- शुक्र: जब व्यक्ति अपने जीवनसाथी को कष्ट देता है। धोखे से उसके नाम की संपत्ति अपने नाम कर लेता है, गंदे फटे हुए वस्त्र पहनता है उसे कभी शुक्र के शुभ फल नहीं मिलते। इस कारण व्यक्ति कभी आर्थिक तरक्की नहीं कर पाता है।
- शनि: जो व्यक्ति अपने से निम्न वर्ग के लोगों के हक का पैसा मार लेता है। उन्हें उनके कार्य का पूरा पैसा नहीं देता है। घर के नौकरों का अपमान करता है। शराब, मांस का सेवन करता है तो शनि नाराज हो जाते हैं। किराए पर लिए गए मकान या दुकान खाली नहीं करते या किसी से किराए पर लिया गया वाहन नहीं लौटाते उन्हें शनि के बुरे परिणाम भोगना पड़ते हैं।
- राहु: अपने बड़े भाई को कष्ट देने वाले व्यक्ति का राहु खराब हो जाता है। ननिहाल पक्ष के लोगों से विवाद करने से राहु कष्ट देता है। सांप की हत्या करने से राहु अशुभ फल देने लगता है।
- केतु: कुत्ते को पीटने, मारने, किसी के खिलाफ झूठी गवाही देने से केतु जरूर फल देने लगता है। अपने भांजे, भतीजे और मित्रों को कष्ट देने वाले, उनका साथ नहीं देने, उनका हक छीन लेने से केतु के बुरे परिणाम मिलने लगते हैं।
सांप की हत्या करने से राहु अशुभ फल देने लगता है
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