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Pitru Paksha 2020: सर्वपितृ अमावस्या पर दीपदान दिलाएगा दोषों से मुक्ति

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। सर्वपितृ अमावस्या का जितना महत्व पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण से है, उससे भी कहीं अधिक इस अमावस्या का महत्व बुरे ग्रहों की शांति के लिए है। इस अमावस्‍या को महालया अमावस्‍या के नाम से भी जाना जाता है,यह अमावस्या आपकी जन्म कुंडली के बुरे ग्रहों को शांत करके शुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ाने वाली भी कही गई है। यदि आपकी जन्मकुंडली में कोई ग्रह अशुभ प्रभाव दे रहा हो और उसके कारण आपके जीवन में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है तो इस उपाय को करने से न केवल ग्रह शांत होते हैं बल्कि शुभ ग्रहों के प्रभाव में वृद्धि होती है। यह उपाय आप 17 सितंबर को आ रही सर्वपितृ अमावस्या पर कर सकते हैं।

दीपदान का बड़ा महत्व

दीपदान का बड़ा महत्व

शास्त्रों में अमावस्या तिथि के दिन दीपदान करने का सबसे बड़ा महत्व बताया गया है। पवित्र नदियों या सरोवर में दीपदान करने से दूषित ग्रह शांत होते हैं। अशुभ ग्रहों का प्रभाव शांत होता है और उनका शुभ प्रभाव बढ़ता है। दीपदान अमावस्या के दिन सायंकाल में किया जाता है। इसके लिए आटे के पांच दीयों में सरसो का तेल भरकर इन्हें किसी गत्ते के डिब्बे या पत्ते के दोने में किसी पवित्र नदी या सरोवर में प्रवाहित करें।

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दीपदान के बाद गरीबों को अन्न दान करें

दीपदान के बाद गरीबों को अन्न दान करें

आप चाहें तो एक साथ या अलग-अलग भी इन दीयों को प्रवाहित कर सकते हैं। प्रवाहित करने से पहले पंचदेवों श्रीगणेश, दुर्गा, शिव, विष्णु और सूर्य को साक्षी मानकर और उनसे अपनी समस्याओं के समाधान करने की प्रार्थना कर दीपों को प्रवाहित करें। आवश्यक नहीं किआप पांच दीपदान ही करें, ज्यादा भी कर सकते हैं। दीपदान के बाद गरीबों को अन्न दान करें।

दीपदान के लाभ

दीपदान के लाभ

  • जन्मकुंडली के बुरे ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है। शुभ ग्रहों के प्रभाव में वृद्धि होती है।
  • कार्यो में आने वाली रूकावटें दूर होती हैं। तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
  • व्यक्ति का भाग्योदय होता है, जिससे जीवन की समस्त इच्छाएं स्वत: ही पूर्ण होने लगती है।
  • दीपदान से पितृ भी प्रसन्न होते हैं, इससे धन, मान, सुख, वैभव प्राप्त होता है।
  • जो व्यक्ति दीपदान करता है उसे रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • पितृदोष, कालसर्प दोष, शनि की साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव दूर होता है।
  • राहु-केतु पीड़ा नहीं देते। आर्थिक प्रगति के रास्ते खुलते हैं।
  • भूमि, भवन, संपत्ति संबंधी कार्यो की बाधा दूर होती है। भौतिक सुख प्राप्त होते हैं।

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English summary
Pitru Paksha remember the departed soul with a cause. Sarv Pitru Amavasya on 17th september, Know Tarpan Vidhi Of Sarv Pitru Amavasya.
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